नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव आने वाले हैं और उससे पहले चर्चा का जो सबसे बड़ा मुद्दा है वो है बजट. Budget 2019 को लेकर जितनी हलचल राजनीतिक गलियारों में है, उतनी ही लोगों में भी है कि उन्हें चुनावी साल में क्या तोहफा मिलने वाला है. मोदी सरकार साफ कर चुकी है कि ये बजट अंतरिम ही होगा और अरुण जेटली के बीमार हो जाने के कारण वित्त मंत्री पीयूष गोयल बजट पेश करेंगे. अब तक जो खबरें सूत्रों के हवाले से आ रही हैं, उनमें एक बात साफ है कि इस बजट में मध्यम वर्ग और किसानों के लिए काफी कुछ होगा. देश में 15वां मौका होगा, जब अंतरिम बजट पेश किया जाएगा. इससे पहले देश में 14 अंतरिम बजट पेश हो चुके हैं.
क्या है अंतरिम बजट?
अंतरिम बजट दो हालात में पेश किया जाता है. पहला, या तो सरकार के पास पूरा बजट पेश करने का समय न हो. दूसरा, या फिर तुरंत लोकसभा चुनाव होने वाले हों. ये बजट, अंतरिम बजट इसलिए होगा क्योंकि सरकार को दो महीने बाद चुनाव में जाना है. दोनों ही हालात में सरकार नए कारोबारी साल के बचे हुए महीने के लिए खर्च की अनुमति संसद से लेती है.
कब-कब पेश हुए अंतरिम बजट
1. आखिरी अंतरिम बजट 17 फरवरी, 2014 को पेश किया गया था. प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनाए जाने के बाद वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला. इस अंतरिम बजट में पी चिदंबरम ने कैपिटल गुड्स, ऑटो मोबाइल और कुछ प्रोडक्ट्स पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी.
2. UPA सरकार का पहला कार्यकाल पूरा होने के बाद 2008-09 में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अंतरिम बजट पेश किया. इस बजट में कोई बड़ी घोषणा हीं की गई. उन्होंने कहा था कि संविधान के हिसाब से नई सरकार 2009-10 के लिए टैक्स और खर्च की नीति बनाएगी.
3. 2004-05 में अंतरिम बजट वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने अटल बिहारी सरकार का कार्यकाल पूरा होने पर पेश किया. इस बजट में उन्होंने स्टांप ड्यूटी के स्ट्रक्चर में बदलाव किया. चाय और चीनी कंपनियों के लिए राहत पैकेज दिया और महंगाई भत्ते को बेसिक पे के साथ जोड़ दिया. साथ ही कुछ योजनाओं का दायरा बढ़ाया था ताकि ज्यादा लोगों को फायदा हो.
4. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए 1998-99 में यशवंत सिन्हा ने अंतरिम बजट पेश किया.
5. 1991-92 में डॉ. मनमोहन सिंह ने अंतरिम बजट पेश किया क्योंकि इसके तुरंत बाज चुनाव होन थे. ये मनमोहन सिंह का इकलौता अंतरिम बजट था.
6. 1990 में आम चुनाव होने थे, चंद्रशेखर की सरकार गिर गई थी. इसके बाद वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा को 1991 का अंतरिम बजट पेश करना पड़ा. यशवंत सिन्हा की शुरुआत ही अंतरिम बजट के साथ हुई.
7. 1980-81 में आर वेंकटरमन ने अंतरिम बजट पेश किया. कहा जाता है कि उन्होंने अपनी बजट स्पीच को राजनीतिक स्पीच के तौर पर दिया और ज्यादा से ज्यादा समय जनता सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की.
8. 1977 का अंतरिम बजट ऐतिहासिक था. ये इकलौता ऐसा अंतरिम बजट था, जिसे पूर्व राजनयिक और वित्त सचिव हरीभाई एम पाटिल ने पेश किया. उन्होंने बजट के इतिहास की सबसे छोटी स्पीच भी दी थी.
9. 1971-72 में भी एक अंतरिम बजट वाई बी चव्हाण की ओर से पेश किया गया. यह ज्यादा खास नहीं था, बस इसमें अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात का जिक्र था और ये बताया कि आने वाले पूर्ण बजट में किस तरह नई टैक्स प्रणाली की जरूरत होगी.
10. मोरारजी देसाई ने देश में दो अंतरिम बजट पेश किए. पहला 1962-63 और दूसरा 1967-68 में पेश किया. जब उन्होंने पहली बार अंतरिम बजट पेश किया था, तब जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री, जबकि दूसरे बजट पेश करते समय वह इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री और डिप्टी प्राइम मिनिस्टर दोनों थे. उनके दोनों ही बजट को अलग-अलग कारणों से खास माना जाता है.
11. तीसरा अंतरिम बजट 1957-58 में टी टी कृष्णमचारी ने आम चुनावों से पहले पेश किया था. इस बजट में उन्होंने विदेशी मुद्रा की कमी और द्वितीय पंचवर्षीय योजना को अंतिम रूप देने के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने पर जोर दिया.
12. दूसरा अंतिम बजट पेश किया था सीडी देशमुख ने, जो 1952-53 में लोकसभा चुनाव से एक दिन पहले पेश हुआ. इस बजट में पर्सनल टैक्स पर आयकर की छूट सीमा बढ़ाई गई.
13. पहला अंतरिम बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश किया गया और इसे आर के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया. ये बजट आजादी के बाद खर्चों के हिसाब के लिए था, जो करीब साढ़े सात महीनों के लिए था. इस बजट की मियाद थी 15 अगस्त, 1947 से लेकर 31 मार्च, 1948 तक.