लखनऊ। पूर्व कांग्रेसी नेता व देश के राष्ट्रपति रहे प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न सम्मान के लिए नामित किए जाने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां ने बड़ा बयान दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां ने इस मसले पर बोलते हुए कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दावत कुबूलने के लिए प्रणव मुखर्जी को यह इनाम मिला है। मीडिया से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के सवाल पर आजम खां ने कहा कि इसमें कोई राजनीति नहीं है।
आजम ने कहा कि उन्होंने RSS के हेडक्वॉर्टर जाने की दावत कुबूल की थी, उसके बदले में संघ को कुछ तो देना था, यह उसी का इनाम है। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी को जब भारत रत्न दिए जाने की सूचना मिली तो उन्होंने कहा था, ‘मैं नहीं जानता कि क्या मैं इसके लायक हूं।’ शायद उन्हें भी यह समझ नहीं आया कि आखिर क्यों भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा उन्हें भारत रत्न मानने लगी है।
डॉ. मुखर्जी को यह सम्मान अमित शाह के बंगाल में पैर पसारने की कोशिश तो नहीं? इस सवाल पर आजम ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सलाह देते हुए कहा, ‘पैर जरूर पसारें, लेकिन यह ख्याल रखें कि नीचे तेजाब न हो।’ आपको बता दें कि भारत सरकार ने प्रणव मुखर्जी के अलावा भारतीय जनसंघ के नेता एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख और प्रसिद्ध संगीतकार-गायक भूपेन हजारिका को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए नामित किया है।