नई दिल्ली। केन्द्र की नरेद्र मोदी सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान की घोषणा की है. केन्द्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, समाजसेवी नाना जी देशमुख (मरणोपरांत) और असम के प्रख्यात गायक भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को भारत रत्न देने की घोषणा की है. इस घोषणा के साथ ही राजनीतिक गलियारों में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है.
प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने कहा है कि ये उनके लिए बेहद खुशी की बात है. आजतक से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पिता के काम को देश ने सम्मान दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर ये फैसला लिया है. अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि 50 साल के सार्वजनिक जीवन में उनके पिता ने कई काम किए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में आलोचनाएं तो होंगी, लेकिन कुछ फैसले राजनीति से प्रेरित नहीं होते हैं. अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि ये वे यह प्रतिक्रिया प्रणब मुखर्जी के बेटे के तौर पर दे रहे हैं, ना कि एक कांग्रेस के नेता के रूप में. अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि उन्हें और भी खुशी इसलिए है क्योंकि आखिरकार ये एक कांग्रेसी का भी सम्मान है.
अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि प्रणब मुखर्जी और उनका पूरा परिवार खांटी कांग्रेसी है. अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि प्रणब मुखर्जी के परिवार की तीसरी पीढ़ी इस वक्त कांग्रेसी है. पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि ये पूरे परिवार के लिए अत्यंत ही आनंद का और गर्व का क्षण है. इधर प्रणब मुखर्जी ने आजतक से बातचीत में कहा कि वह इस पर कल प्रतिक्रिया देंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीनों शख्सियतों को भारत रत्न मिलने पर प्रतिक्रिया दी है. पीएम मोदी ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी अपने समय के बेहतरीन व्यक्तित्व हैं. नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि प्रणब मुखर्जी ने दशकों तक देश की निस्वार्थ भाव से बिना थके हुए सेवा की. उन्होंने कि देश के विकास पथ पर उनका गहरा योगदान हैं. नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रणब मुखर्जी के ज्ञान और मेधा की बराबरी कुछ ही लोग कर पाते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्हें भारत रत्न दिया गया.
समाजसेवी और संघ विचारक नानाजी देशमुख को मरणोपरांत भारत रत्न मिलने पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ग्रामीण विकास में उनके अहम योगदान से गांवों में रहने वाले लोगों की जिंदगी को सशक्त बनाने में नया रास्ता मिला. उन्होंने कहा कि उनकी शख्सियत गरीबों और पिछड़ों के प्रति दया, करुणा और सेवा की थी. वे सच्चे अर्थों में भारत रत्न हैं.