नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मुद्देनजर भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्षी नेताओं में कौन सरकार बनने की स्थिति में देश को नेतृत्व देगा, यह सवाल पिछले कुछ वक्त से चर्चा का विषय है. 19 जनवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महारैली के बाद यह सवाल फिर से तेजी पकड़ रहा है और बीजेपी इस बहाने विपक्षी लामबंदी को अलग अलग उपमाओं से संबोधित कर रहे हैं. महागठबंधन के मंच का हिस्सा बन रहे नेताओं में ममता बनर्जी और मायावती के नाम पर भी चर्चा है. इस बीच कोलकाता में 22 दलों के 44 नेताओं के बीच ममता के मंच पर मौजूद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने देश का रोजगार संकट दूर करने वाले प्रधानमंत्री के तौर पर खुद को सबसे प्रबल दावेदार बताया है.
भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने एक टीवी शो के दौरान ये इच्छा जाहिर की है. दरअसल, शो में चर्चा के दौरान यशवंत सिन्हा से सवाल किया गया कि देश में हर साल 1.2 करोड़ रोजगार पैदा करना सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है, ऐसे में वह प्रधानमंत्री के तौर पर किस नेता के अंदर यह क्षमता देखते हैं जो इन पैमानों पर खरा उतर सके. इसके जवाब में यशवंत सिन्हा ने कहा कि रोजगार के अलावा मैं यह भी कहूंगा कि देश में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक हमें लाखों किलोमीटर सड़कें बनानी हैं. इसके अलावा कृषि के क्षेत्र में भी बहुत काम होने हैं और नए शहर बनने हैं.
हर साल पैदा हो सकते हैं 2-3 करोड़ रोजगार
इससे आगे यशवंत सिन्हा ने कहा कि ये सब काम अगर हम करना शुरू करते हैं तो हर साल सिर्फ सवा करोड़ नहीं, बल्कि 2-3 करोड़ रोजगार पैदा किए जा सकते हैं. लेकिन हम ऐसा कर नहीं कर रहे हैं. इसके आगे उन्होंने सवाल का असल जवाब देते हुए कहा कि हमें ऐसा देखना पड़ेगा जो ये सब करने के लिए तैयार हो. यशवंत सिन्हा के इस जवाब पर फिर उनसे सवाल किया गया कि कौन ऐसा नेता है? इसके जवाब में यशवंत सिन्हा ने कहा कि उनके दिमाग में ऐसा कोई नाम नहीं है.
सिन्हा के इस जवाब पर फिर सवाल किया गया कि इस रेस में कौन सबसे करीब है यानी कौन नेता है ऐसा कर सकने के नजदीक है. इस सवाल के जवाब में यशवंत सिन्हा ने कहा कि ऐसा करने वाले नेताओ में सबसे करीब मैं हूं. इतना ही नहीं, यशवंत सिन्हा के बराबर में बैठे सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी इस जवाब पर मुस्कुरा गए और उन्होंने कहा कि इस रेस में मैं इनके पीछे सबसे नजदीक हूं.
ममता और मायावती के नाम पर चर्चा
यशवंत सिन्हा का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि ममता की महारैली के बाद बीजेपी और उनके सहयोगी दल विपक्षी एकुजटता पर पीएम उम्मीदवार का नाम पूछकर टिप्पणी कर रहे हैं. बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने हाल ही में तंज कसते हुए कहा कि हफ्ते में सात दिन होते हैं, इसलिए दिन एक-अलग-अलग प्रधानमंत्री बन जाएं. जबकि महागठबंधन के सहयोगी दलों के अंदर से भी अलग अलग आवाजें आ रही हैं. बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन का ऐलान करते वक्त समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से जब मायावती की पीएम उम्मीदवार पर सवाल किया गया था तो उन्होंने यूपी से अगला पीएम होने की इच्छा जाहिर की थी. इसके बाद जब कोलकाता में रैली हुई तो उन्होंने देश को नए पीएम की जरूरत वाला बयान देना शुरू कर दिया. जबकि दूसरी तरफ कर्नाटक में कांग्रेस से सहयोग से सरकार चला रहे जनता दल सेकुलर के नेता एचडी कुमारस्वामी ने ममता बनर्जी में पीएम बनने की सभी क्षमताओं का जिक्र किया था. उससे पहले डीएमके नेता एमके स्टालिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम की वकालत कर चुके हैं.
ऐसे में अब जबकि चुनावी रैलियों का दौरा शुरू हो गया है और बीजेपी विरोधी दल एक साथ आकर उसे परास्त करने की प्रतिबद्धता जाहिर कर रहे हैं, उस स्थिति में पीएम उम्मीदवार की रेस में यशवंत सिन्हा ने अपना नाम देकर ट्विस्ट दे दिया है. वैसे बता दें बीजेपी से बगावत के बाद सिन्हा किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं बने हैं, और फिलहाल वो एक न्यूट्रल नेता के रूप में सभी दलों के साथ मिलकर मोदी के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं.