कोलकाता। लोकसभा चुनवाव से पहले विपक्षी एकता की ताकत दिखाने के लिए ममता बनर्जी ने आज कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में विपक्ष की महारैली बुलाई है. इस रैली में 22 पार्टियों के नेता हिस्सा ले रहे हैं, मंच से एक बाद एक नेता मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं. वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे दिग्गज नेता यशवंत सिन्हा ने भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि मोदी मुद्दा नहीं हैं आज मुद्दे ही मुद्दा हैं. मुझे जीवन में अब कुछ नहीं चाहिए बस एक लड़ाई बाकी है, इस सरकार को हटाना है.
रैली में क्या बोले यशवंत सिन्हा?
यशवंत सिन्हा ने कहा, ”हम जानते हैं कि पछले 56 महीने में इस देश में जो कुछ हुआ है उससे सबसे बड़ा खतरा देश के लोकतंत्र पर खड़ा हुआ है. आज कोई भी ऐसी लोकतांत्रिक संस्था नहीं है जिसको इन्होंने बर्बाद करने में कोई कसर छोड़ी हो. इसलिए देश में लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए हम सब यहां इकट्ठे हुए हैं.”
य़शवंत सिन्हा ने कहा, ”आज मैं कहना चाहता हूं कि आज हमारे सामने मोदी मुद्दा नहीं हैं, आज मुद्दे ही मुद्दा हैं. वो चाहते हैं कि हम मोदी को मुद्दा बनाएं लेकिन हमें मुद्दों को मुद्दा बनाना चाहिए. देश की आर्थिक व्यवस्था चौपट हो गई है. ये पहली सरकार है आजादी के बाद जो आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ करती है, हम सरकार में रहे लेकिन कभी आंकड़ों को सजाकर, बढ़ा-चढ़ा कर पेश करो.”
यशवंत सिन्हा ने कहा, ”देश को तोड़ने और समाज को छिन्न-भिन्न करने का इनका इरादा है. अगर आप सरकार का विरोध करते हैं तो तुरंत ये कहा जाता है कि आप देशद्रोही हैं, जैसे सरकार की चापलूसी करना देशप्रेम है और उसका विरोध करना देशद्रोह. ‘
”कश्मीर के मुद्दे का हल बंदूक की गोली से नहीं होगा, प्यार की बोली से होगा. इसके बाद पहले तो हमें देशद्रोही कहा गया, पिर कहा गया कि मैं पाकिस्तान का एजेंट हूं. अगर प्यार की बोली की बात करना पाकिस्तान का एजेंट होना है तो फिर इस देश में क्या बचा? देश आज एक बहुत खतरनाक मोड़ पर खड़ा है.”
रैली में कौन कौन शामिल हुआ?
ममता की ‘यूनाइटेड इंडिया रैली’ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल, बीएएसपी के संतीश चंद्र मिश्रा, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, उनके बेटे एवं कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, शरद पवार, फारुक अब्दुल्ला, शरद यादव, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन और अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगोंग अपांग समेत 20 से अधिक राष्ट्रीय नेता कोलकाता पहुंचे हैं.
कड़ा पहरा
रैली की भारी सफलता को सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई हैं. बड़े-बड़े मंचों के अलावा, 20 टॉवर खड़े गए हैं और 1,000 माइ्क्रोफोन और 30 एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं ताकि दर्शक नेताओं को साफ तौर पर देख और सुन सकें.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के लिए रैली वाले स्थान के अंदर और आस-पास 10,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है और 400 पुलिस पिकेट लगाए गए हैं. राज्य भर से तृणमूल कांग्रेस के लाखों समर्थक और कार्यकर्ता कोलकाता पहुंचे हैं. पुलिस ने बताया कि रैली स्थान के आस-पास वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है.