लखनऊ। यूपी के खनन मामले में अखिलेश यादव को फंसाने की कोशिश हो रही है. विपक्ष का यही दावा है. आरोप है कि बीएसपी से गठबंधन के बाद बीजेपी घबरा गई है. सीबीआई और ईडी जांच का अगले चुनाव से कोई कनेक्शन तो नहीं है? अगर ऐसा है तो इसके राजनीतिक नफा नुकसान भी हैं
खनन मामले को लेकर सीबीआई जांच की आंच अखिलेश यादव तक भी जा पहुंची है. आरोप है कि उनके कहने पर ही कुछ ख़ास लोगों को माइनिंग के पट्टे दिए गए. चर्चित महिला आईएएस अफ़सर चंद्रकला समेत समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं के घर पर सीबीआई ने छापा मारा. कहा जा रहा है जब गडबडियां हुईं थीं तो अखिलेश सीएम के साथ साथ खनन मंत्री भी थे. अखिलेश यादव के बचाव में सबसे पहले मायावती आईं. बारह जनवरी को दोनों नेताओं ने ऐतिहासिक गठबंधन का एलान लखनऊ में किया. तब भी मायावती ने कहा था अगर अखिलेश को फंसाया गया तो हम चुप नहीं बैठेंगे. बुआ के आशीर्वाद से भतीजा अखिलेश यादव गदगद हो गए. उन्होंने भी एलान कर दिया मायावती का सम्मान मेरा सम्मान है.
समाजवादी पार्टी और बीएसपी के साथ आने भर से यूपी का माहौल बदलने लगा है. पिछले आम चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाने वाली बीएसपी की टिकट के लिए होड़ मची है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी फुल फ़ार्म में हैं. राज्य के लोगों को दोनों पार्टियों के नेता समझा रहे हैं कि मोदी सरकार गठबंधन से परेशान है. अखिलेश यादव को बदनाम किया जा रहा है, फंसाया जा रहा है. अब भले ही बीजेपी लाख ये बात कहे कि हाई कोर्ट के आदेश पर जांच हो रही है लेकिन टाइमिंग को लेकर सवाल उठने लगे हैं. वैसे भी राजनीति तो टाइमिंग का ही खेल है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खनन की जांच के बहाने गठबंधन की काट ढूंढ रहे हैं. उन्होंने एसपी बीएसपी के मेल मिलाप को भ्रष्टाचारियों का गठबंधन तक बता दिया.
सीबीआई के बाद अब ईडी ने भी माइनिंग केस में मुक़दमा दर्ज कर लिया है. जांच तेज़ हो गई है. अखिलेश सरकार में ताक़तवर डीएम रहीं चंद्रकला के घर सीबीआई ने रेड किया था. जल्द ही उनसे पूछताछ भी होगी. लेकिन गठबंधन की ताक़त का ही असर है कि चंद्रकला सोशल मीडिया में जांच पर सवाल कर रही हैं. ये तो तय है कि लोकसभा चुनाव में खनन की जांच भी मुद्दा होगा. अखिलेश यादव इसी बहाने सहानूभुति बटोरना चाहेंगे. और बीजेपी चाहेगी उन्हें भ्रष्ट साबित किया जाए. लेकिन फ़ैसला तो जनता को करना है. चुनाव में वही जनार्दन भी है. जनता का आशीर्वाद गठबंधन को मिलता है या फिर बीजेपी को ये तो वक्त ही बताएगा.