लद्दाख। जम्मू-कश्मीर के लेह लद्दाख में भारी हिमस्खलन हुआ है, जिसकी चपेट में कई वाहन आ गए हैं. ये वाहन बर्फ के नीचे दब गए हैं. इन वाहनों में 10 सैलानियों के सवार होने की बात कही जा रही है. अभी तक 3 शवों को बर्फ से बाहर निकालने में कामयाबी मिली है, जबकि 7 लोगों के अब भी बर्फ में दबे होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं, इस घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम राहत और बचाव अभियान में जुटी हुई हैं. हालांकि मौसम में हो रहे पल-पल बदलाव की वजह से राहत और बचाव काम में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
आपको बता दें कि लद्दाख समेत पूरे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फीले तूफान का तांडव जारी है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे लद्दाख के खारदुंगला में बीच सड़क पर बर्फ का पहाड़ गिर गया, जिसकी चपटे में कई पर्यटक आ गए. खारदुंगला दर्रे पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सड़क है, जहां तापमान माइनस 15 से भी नीचे पहुंच गया है. बर्फ में कई पर्यटकों के दबे होने की बात कही जा रही है. इसके अलावा बर्फीले तूफान में भी कई लोग फंसे हुए हैं, जिनको बचाने की कोशिश जारी है.
नए साल के शुरुआत में शहीद हुआ जवान सेना की 44RR का हिस्सा था. यह हिमस्खलन 3 जनवरी को तड़के चार बजे हुआ था. इस दौरान लांस नायक सपन मेहरा भारत-पाकिस्तान सीमा पर LoC के पास तैनात थे. वो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले थे. इसके अलावा हिमस्खलन में जो जवान घायल हुआ है, उसकी पहचान पंजाब के हरप्रीत सिंह के रूप में हुई है. उनको गंभीर हालत में आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. वहीं, हिमस्खलन के बाद सेना ने इलाके में राहत और बचाव अभियान चलाया.
आपको बता दें कि कश्मीर घाटी में हिमस्खलन की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं. पिछले साल तंगधार, माछिल जैसे इलाकों में हिमस्खलन और बर्फीले तूफान ने कई लोगों की जान ले ली थी. हिमस्खलन और बर्फीले तूफान में जान गंवाने वालों मे भारतीय सेना के जवान भी शामिल हैं. सर्दी के महीनों में कश्मीर घाटी में तापमान -10 से लेकर -50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. यहां 40 दिनों तक चलने वाले भीषण ठंड के मौसम‘चिल्लई कलां’ का दौर जारी है. यह 31 जनवरी तक चलेगा. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 22 जनवरी को मूसलाधार बारिश और भीषण बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है.