मुंबई। डांस बार की पाबंदी के उलट जाने पर सांसत में फंसी महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार अब इस से रास्ता निकालने की जुगत में है. राज्य की फडणवीस सरकार किसी भी हाल में महाराष्ट्र में डांस बार शुरू न होने के लिए नियम और शर्तों को और सख्त करेगी. जी मीडिया को राज्य सरकार में स्थित विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि वे डांस बार में जाने वालों पर नकेल कसने के लिए उनके आई कार्ड जांचेगी. ताकि डांस बार में जाने वालों की पहचान उजागर हो.
सरकार इससे पहले यह दलील दे चुकी है कि, डांस बार के जरिये असामाजिक तत्व राज्य में पनप रहे हैं. सरकार की दलील मानें तो मुंबई महानगर परिक्षेत्र में पाबंदी से पहले 700 से अधिक डांस बार चल रहे थे. जबकि इनमें से केवल 307 के पास ही परमिट था. ऐसे में असामाजिक तत्व इस इंडस्ट्री के आसपास पनपने की दलील दी गई.
अपनी इसी दलील को आधार बनाकर महाराष्ट्र की सरकार डांस बार के ग्राहक से उसकी पहचान का खुलासा मांगेगी. स्थानीय पुलिस के पास ग्राहक को यह खुलासा करना होगा. वैसे 2006 और 2013 में भी राज्य सरकार की डांस बार पर लगी पाबंदी को कोर्ट ने दरकिनार किया था. लेकिन 2014 से सत्ता में बनी बीजेपी सरकार ने डांस बार के ख़िलाफ़ ऐसे कड़े प्रतिबन्ध लगाए जिससे यह व्यवसाय दोबारा शुरू न हो सके. लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से इन्ही प्रतिबंधों को दरकिनार कर दिए जाने से राज्य सरकार को झटका लगा है. ऐसे में सरकार और सख़्त नियम लागू कर अपनी साख बचाने की कोशिश में जुट गई है.
इस बीच, महाराष्ट्र सरकार की कोशिश है कि मौजूदा फैसले को संविधान पीठ के सामने पुनर्विचार याचिका के जरिए चुनौती दी जाए. राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में सूचक वक्तव्य करते हुए कहा है कि कोर्ट आर्डर की कॉपी प्राप्त होने के बाद ही सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर फैसला लेगी.