नई दिल्ली। भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने देश के दुश्मनों को चेतावनी देते हुए ऐसा हल्का युद्धक हेलीकॉप्टर (एलसीएच)बनाने में सफलता हासिल की है, जो कि हवा में ही दुश्मन के विमानों या मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह चलते-फिरते टार्गेट पर भी सटीकता से वार करने में सक्षम है. जल्द ही इसे भारतीय वायुसेना को सौंपा जाएगा.
ऑपरेशनल सेवाओं के लिए तैयार
एचएएल के प्रमुख आर माधवन ने इस बारे में कहा ‘देश में यह पहली बार है, जब हवा से हवा में वार करने वाला हेलीकॉप्टर बनाने में सफलता पाई गई है. अभी तक देश की किसी भी सैन्य सेवा ने इस तरह की क्षमता विकसित नहीं की है. अब लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर के हथियार संबंधी सभी परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं. साथ ही अब यह ऑपरेशनल सेवाओं के लिए पूरी तरह से तैयार है.’
एचएएल के प्रवक्ता गोपाल सुतर के अनुसार ओडिशा के चांदीपुर के परीक्षण स्थल पर किया गया परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है. इस दौरान हेलीकॉप्टर ने सफलतापूर्वक हवा में ही मिसाइल दागकर अपने लक्ष्य को मार गिराया. इस परीक्षण में टेस्ट पायलट विंग कमांडर सुभाष पी जॉन (वीएम रिटायर्ड), एचएएल के फ्लाइट इंजीनियर कर्नल रंजीत चिताले, भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट ग्रुप कैप्टन राजीव दुबे शामिल हुए.
सियाचिन जैसी ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम
इस हल्के युद्धक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) से पिछले साल 20 एमएम की शक्तिशाली टुरेट गन और 70 एमएम के रॉकेट भी पिछले साल टेस्ट किए जा चुके हैं. एचएएल का दावा है कि यह हेलीकॉप्टर दुनिया का एकमात्र ऐसा लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जो सियाचिन जैसे दुर्गम ऊंचाई वाले स्थानों पर भी कार्य करने में सक्षम है.
करेगा सटीक वार
इस हेलीकॉप्टर को एचएएल के रोटरी विंग रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर ने डिजाइन और विकसित किया है. इसे भारतीय वायुसेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसके ऊपरी हिस्से में खास इंफ्रारेड साइटिंग सिस्टम लगाया गया है. इससे अंदर बैठे पायलट को जमीन और हवा में मौजूद दुश्मन के किसी भी लक्ष्य पर सटीक मार करने में मदद मिलती है.
15 हेलीकॉप्टरों की होगी खरीद
इन अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों के साथ अब पायलट हेलीकॉप्टर को बिना मोड़े ही लक्ष्य पर मिसाइल दाग सकते हैं. इसकी मिसाइलें अनमैंड एरियल व्हीकल (यूएवी) और अत्यधिक हल्के विमानों को भी मार गिराने में सक्षम हैं. यह विमान दुर्गम परिस्थितियों में भी उड़ान भरने में सक्षम है. साथ ही निचली ऊंचाई पर भी यह उड़ान भर सकता है. इससे यह सुरक्षा के रूप में एक छतरी का काम करेगा. डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल (डीएसी) ने प्रारंभिक तौर पर 15 एचसीएच खरीदने को सहमति दे दी है. इनमें से 10 भारतीय वायुसेना और 5 सेना को दिए जाने हैं.