ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में विराट कोहली ने शानदार शतक लगाया. वहीं, महेंद्र सिंह धोनी ने 54 गेंद पर 55 रन की बेहतरीन पारी खेली. लेकिन मैच को सही मायने में फिनिश किया दिनेश कार्तिक ने. उन्होंने आखिरी ओवरों में महज 14 गेंद पर 25 रन की बेशकीमती पारी खेली. दिनेश कार्तिक ने मैच के बाद माना कि टीम ने उन्हें फिनिशर की भूमिका दी है, जिसे निभाकर वे बेहद खुश हैं. हालांकि, अभी यह तस्वीर बहुत साफ नहीं है कि वर्ल्ड कप में इस भूमिका में कौन होगा.
दिनेश कार्तिक का यह बयान इस बात का संकेत है कि वे टीम के बेस्ट फिनिशर के रूप में देखे जा रहे हैं. एमएस धोनी को पांचवें नंबर पर भेजा जा रहा है. उनसे उम्मीद की जा रही है कि बीच के ओवरों में टीम को संतुलन प्रदान करें. अगर जल्दी विकेट गिर जाएं, तो टीम को दबाव से निकालें, जैसा कि उन्होंने पहले वनडे में किया. हालांकि, टीम वो मैच जीत नहीं सकी. दिनेश कार्तिक और फिनिशर की भूमिका समझने के लिए दूसरे वनडे मैच पर बारीकी से नजर डालते हैं.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में भारत के करीब-करीब सारे प्लान कामयाब रहे और यह भी साफ हुआ कि दिनेश कार्तिक उसके प्लान का अहम हिस्सा हैं. भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 300 रन के भीतर रोका. फिर बल्लेबाजी में अच्छी शुरुआत की. उसके एक खिलाड़ी (कप्तान विराट कोहली) ने शतक लगाया. बीच के ओवरों में बड़ी साझेदारी हुई. विराट और धोनी ने 82 रन की साझेदारी की. और अंत में एक विस्फोटक पारी की जरूरत थी और यह जिम्मेदारी छठे नंबर पर उतरे दिनेश कार्तिक ने निभाई.
जब एमएस धोनी क्रीज पर उतरे तो टीम इंडिया को जीत के लिए 118 गेंद पर 139 रन चाहिए थे. उन्होंने पहली ही गेंद पर दो रन लिया. यह संकेत था कि वे पिछले मैच की तरह लय में हैं. हालांकि, दोनों मैचों की स्थिति में काफी अंतर था. धोनी मैच पढ़ने के मास्टर माने जाते हैं. विराट कोहली जमकर खेल रहे थे और धोनी ने उनका साथ निभाने की भूमिका निभाई. कोहली के आउट होने के बाद भी वे रनरेट के दबाव में नहीं आए. धोनी भले ही पहले से क्रीज पर थे, लेकिन तेजी से रन बनाने की भूमिका दिनेश कार्तिक ने निभाई. एकसमय तो यह भी लगा कि धोनी उन्हें स्ट्राइक दे रहे हैं. और अंत में विनिंग शॉट धोनी के बल्ले से निकला.
दिनेश कार्तिक 43वें ओवर में उतरे
जब दिनेश कार्तिक क्रीज पर उतरे तो टीम इंडिया को 38 गेंद पर 57 रन चाहिए थे. उन्होंने पहली ही गेंद पर एक रन लिया. इसके एक ओवर बाद जब वे दूसरी गेंद का सामना कर रहे थे, तब भारत जीत से 43 रन दूर था और उसके खाते में 29 गेंदें बाकी थीं. यही वो वक्त था, जब धोनी थक रहे थे. धोनी पर थकान इस कदर हावी थी कि वे ओवर के ब्रेक के दौरान मैदान पर लेट गए. उनकी मदद के लिए फीजियो को मैदान पर आना पड़ा.
धोनी से तेज खेलने की उम्मीद नहीं थी
धोनी के आखिर तक धीमा खेलने की शैली के चलते अब सारा दारोमदार DK, यानी दिनेश कार्तिक पर आ चुका था. पिछले एक-दो साल का खेल देखें तो यह बात अब छिपी हुई नहीं है कि ‘डीके बॉस’ को यही दबाव सबसे अधिक रास आता है. दिनेश कार्तिक ने मैच का सारा दबाव खुद पर ले लिया. इसे दो-दो ओवर के टुकड़ों में समझें. भारत ने दो ओवर (46-47वें) में 19 रन बनाए. इनमें से 14 रन (7 गेंद) कार्तिक के बल्ले से निकले. देर से जमे हुए धोनी ने इस दौरान 5 गेंद पर 5 रन बनाए. वे इस दौरान कार्तिक को स्ट्राइक देते रहे.
कार्तिक ने निभाई लीडर की भूमिका
भारत ने अगले दो ओवर (48-49वें) में 18 रन बनाए. यहां भी कार्तिक ने ही ड्राइविंग सीट संभाली. उन्होंने इन दो ओवर में छह गेंदों का सामना किया और 10 रन बनाए. धोनी ने इस दौरान छह गेंद पर आठ रन बनाए. जब आखिरी ओवर शुरू हुआ तब भारत जीत से महज सात रन दूर था. स्ट्राइक पर एमएस धोनी थे. धोनी ने जेसन बेहरेनड्रॉफ की पहली ही गेंद पर गगनचुंबी छक्का जमाया और मैच बराबरी पर ला दिया. धोनी ने इस छक्के के साथ ही अपना अर्धशतक पूरा किया और मैच बराबरी पर आ गया. अगली गेंद पर धोनी के एक रन लेते ही मैच खत्म हो गया.
टीम मैनेजमेंट ने मुझे फिनिशर की भूमिका दी है
दिनेश कार्तिक ने मैच के बाद कहा, ‘टीम प्रबंधन ने मुझे छठे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए मैच फिनिशर की भूमिका सौंपी है. मैंने इसका अभ्यास किया है. इस पर काम कर रहा हूं. यह ऐसा कौशल है, जहां आपको दिमागी तौर पर शांत रहना होता है. खेल में यह शायद सबसे मुश्किल भूमिका है. टीम प्रबंधन ने मुझे मेरी भूमिका के बारे में बताया है. वे मेरा समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने बताया है कि मैं इसी नंबर पर बल्लेबाजी करूंगा.’
छठे नंबर पर खेलना सबसे मुश्किल
अब अगर फिनिशर की बात करें, तो यह भूमिका ज्यादातर छठे नंबर के बल्लेबाज को सौंपी जाती है. माइकल बेवन से लेकर एमएस धोनी तक इसी नंबर पर मैच जिताकर बेस्ट फिनिशर का तमगा हासिल किया है. अब टीम इंडिया में इस भूमिका में दिनेश कार्तिक के साथ-साथ केदार जाधव और ऋषभ पंत नजर आते हैं. धोनी पांचवें नंबर पर भेजे जा चुके हैं. शायद यह मान लिया गया है कि टीम को उनकी जरूरत मध्य क्रम में है, ना कि मैच खत्म करने के लिए है.
अब दारोमदार कार्तिक, जाधव और पंत पर
दिनेश कार्तिक पहले वनडे में फिनिशर की अपनी भूमिका में खरे नहीं उतरे. दूसरे वनडे में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. इसके बावजूद प्लेइंग इलेवन में सबसे असुरक्षित जगह उनकी ही है. दरअसल, कार्तिक गेंदबाजी नहीं कर सकते. जबकि, अगर छठे नंबर पर केदार जाधव बैटिंग करते हैं तो टीम को छठा गेंदबाज मिल जाता है. पहले दोनों ही वनडे मैचों में टीम को छठे गेंदबाजी की कमी खली. यह नहीं बताया गया है कि जाधव प्लेइंग इलेवन में क्यों नहीं हैं. फिर भी यह तय है कि टीम को उनकी जरूरत है. छठे नंबर पर तीसरे दावेदार ऋषभ पंत हैं. कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि पंत को मैच फिनिश करने की कला सीखने को कहा गया है. यानी, टीम मैनेजमेंट के प्लान में पंत शामिल हैं.
ऐसे में लगता है कि अगर दिनेश कार्तिक जरा सा भी नाकाम होते हैं, तो उनकी जगह जाधव या पंत को टीम में लाने की तैयारी है. इसका मतलब यह भी है कि अब भी तय नहीं है कि जब हम वर्ल्ड कप में उतरेंगे तो प्लेइंग इलेवन में फिनिशर की भूमिका में कौन होगा. हां, एक बात तय है. अगर दिनेश कार्तिक दो-चार मैचों में भी नाकाम होते हैं, तो उनकी जगह टीम में नहीं बचेगी. लब्बोलुआब यह है कि वर्ल्ड कप में साढ़े चार महीने से भी कम वक्त है, लेकिन टीम इंडिया के पास भरोसेमंद फिनिशर नहीं है. वर्ल्ड कप जाने वाली टीम इंडिया की यह सीट अब भी खाली है.