भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज शनिवार (12 जनवरी) से शुरू हो रही है. भारतीय प्रशंसकों की सीरीज पर दो कारणों से नजर लगी रहेगी. पहला, कौन जीता और कौन हारा. दूसरा यह कि इस सीरीज से किस खिलाड़ी का वर्ल्ड कप (World Cup 2019) खेलने का दावा मजबूत हुआ और किसका पत्ता साफ हो सकता है. टीम इंडिया में वर्ल्ड कप के लिए सबसे रोचक जंग विकेटकीपर बल्लेबाजों के बीच है और आजकल यही क्रिकेटप्रेमियों के बीच बहस का मुख्य विषय भी है.
भारतीय टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए तीन दावेदार हैं, एमएस धोनी, दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत. यह बेहद मुश्किल है कि वर्ल्ड कप की 15 सदस्यीय टीम में ये तीनों ही बने रहें. इनमें से किसी ना किसी को घर बैठना ही होगा. ऐसे में इन तीनों के खेल पर सबकी निगाहें लगी रहेंगी. आइए देखते हैं कि आज की तारीख (11 जनवरी) में इनमें से किस खिलाड़ी का दावा कितना मजबूत है.
धोनी अब उम्मीद जगाते कम हैं, तोड़ते ज्यादा हैं
आम क्रिकेटप्रेमियों को यह पढ़ना ही अटपटा लग सकता है कि धोनी (MS Dhoni) को अपनी जगह बचाए रखने के लिए दो विकेटकीपर बल्लेबाजों से चुनौती मिल रही है. लेकिन क्रिकेट या किसी भी अन्य प्रोफेशन की यह कड़वी सच्चाई है कि आप जब तक परफॉर्म कर रहे होते हैं, तभी तक टीम में आपकी जगह होती है. जब भी आप उम्मीदों को तोड़ना शुरू करते हैं, वैसे ही यह मान लिया जाता है कि अब आप काम के नहीं हैं. एमएस धोनी का प्रदर्शन भी अब उम्मीदें तोड़ता ज्यादा है, जगाता कम है. यह सच है कि धोनी पिछले एक साल में ‘विकेटकीपर बल्लेबाज’ से घटकर विकेटकीपर रह गए हैं. और दुनिया जानती है कि अब वनडे या टी20 टीम में ‘स्पेशलिस्ट विकेटकीपर’ दुर्लभ प्राणी जैसा रह गया है.
अचानक संन्यास लेकर चौंका सकते हैं धोनी
एमएस धोनी और टीम प्रबंधन दोनों को यह पता है कि अगर विकेटकीपर रन नहीं बना रहा है, तो वह टीम के ज्यादा काम का नहीं है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि धोनी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे पर खुद को फिर से बेहतरीन साबित करने की कोई कोरकसर नहीं छोड़ेंगे. अगर वे ऐसा नहीं कर पाते, तो यह भी संभव है कि अचानक संन्यास ले लें, ताकि वे टीम पर बोझ ना बनें. धोनी ने पूरे करियर में अपने फैसलों से चौंकाया है. उन्होंने 2015 में टेस्ट सीरीज जारी रहते ही क्रिकेट के इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था.
धोनी पर दिनेश कार्तिक ने बढ़ाया दबाव
धोनी पर दबाव बनने की दो वजह हैं, दिनेश कार्तिक (Dinesh Kartik) और ऋषभ पंत (Rishabh Pant). ये दोनों ही अपनी बैटिंग की बदौलत धोनी की जगह लेने को तैयार दिखते हैं. दिनेश कार्तिक ने 2018 में वनडे और टी20 दोनों ही फॉर्मेट में पांचवें-छठे नंबर पर अच्छी बल्लेबाजी की है. उनकी बल्लेबाजी के दो पहलू हैं. वे जरूरत पड़ने पर तेज गति से रन बना सकते हैं और अगर टीम पर दबाव है तो टिककर बल्लेबाजी भी कर सकते हैं. इसी कारण उन्हें सिर्फ धोनी के विकल्प के तौर पर नहीं देखा जा रहा है, बल्कि वे अंबाती रायडू या केदार जाधव के भी विकल्प हैं. ऐसे में अगर वे ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड दौरे पर अच्छा खेलते हैं, तो उन्हें टीम से बाहर करना मुश्किल होगा.
टीम के गिलक्रिस्ट हो सकते हैं ऋषभ पंत
ऋषभ पंत ने अपने छोटे से करियर में बहुत नाम कमा लिया है. रिकी पोंटिंग से लेकर माइकल क्लार्क तक उनमें एडम गिलक्रिस्ट की छवि देख रहे हैं. वे सिर्फ तेज बल्लेबाजी नहीं करते, बल्कि गेंदबाजों पर चढ़कर खेलने में यकीन रखते हैं. इसी कारण उन्होंने कई बार अपना विकेट भी गंवाया है. शायद इसी कारण कोच रवि शास्त्री यह कहते हैं कि पंत को रेस्ट के दौरान मैच फिनिश करने की कला सीखने को कहा गया है. अब यह नहीं पता, कि वे बिना खेले ही मैच फिनिश करना कैसे सीखेंगे. लेकिन यह तो साफ नजर आता है कि अगर किसी टीम के पास गिलक्रिस्ट जैसे विकेटकीपर का विकल्प हो, तो वह रंगहीन हो चुके माही के साथ मैदान पर क्यों उतरना चाहेगी.
लब्बोलुआब यह है कि अभी तो ये तीनों ही विकेटकीपर वर्ल्ड कप की रेस में हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड दौरे पर एमएस धोनी और दिनेश कार्तिक का प्रदर्शन यह तय कर देगा कि वर्ल्ड कप खेलने कौन-कौन ‘विकेटकीपर बल्लेबाज’ जाएंगे. और अंत में… महेंद्र सिंह धोनी ने 2018 में 20 वनडे खेला, पर वे एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाए. धोनी इस साल 25.00 की औसत से सिर्फ 275 रन बनाए.