लॉस एंजेलिस। अमेरिका के एक अखबार की मानें तो बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या हिंदू शरणार्थीवापस अपने देश जाना चाहते हैं। लॉस एंजेलिस टाइम्स का कहना है कि बांग्लादेश में शरण ले रहे रोहिंग्या हिंदू म्यांमारलौटना चाहते हैं लेकिन उन्हें बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी जा रही। अखबार ने बांग्लादेश में कुटुपालोंग शरणार्थी शिविर से प्राप्त एक रिपोर्ट के आधार पर बुधवार को यह बात कही है। एक रोहिंग्या शरणार्थी ने तो यहां तक कहा कि भारत हिंदुओं की भूमि है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू हैं फिर हमारी मदद क्यों नहीं कर रहे।
अलग कैंप में रखे जा रहे हैं हिंदू रोहिंग्या शरणार्थी
अखबार ने कहा कि बीते साल मई में शरणार्थियों के म्यांमार के राखिने में लौटने को लेकर जब संयुक्त राष्ट्र ने इस पर सहमति समझौता किया तो 105 हिंदू परिवार लौटने के लिए तैयार थे। हिंदू शरणार्थियों ने अखबार के हवाले से कहा कि वे बांग्लादेश में फंसे हुए हैं क्योंकि उनकी वापसी को उस समय रद्द कर दिया गया, जब संयुक्त राष्ट्र ने यह फैसला किया कि शरणार्थियोंके लिए म्यांमार लौटना सुरक्षित नहीं है। बांग्लादेश में 400 हिंदू शरणार्थियों को अलग करके रखा गया है। उन्हें हिंदू कैंप नामक एक अलग इकाई में रखा गया है, जिसकी कड़ी सुरक्षा की जा रही है।
‘नरेंद्र मोदी हिंदू हैं फिर हमारी मदद क्यों नहीं कर रहे’
बांग्लादेश में हिदू और मुस्लिम शरणार्थी दुश्मनी के साये में रह रहे हैं। लॉस एंजेलिस टाइम्स का कहना है कि हिंदू परिवारों ने मदद के लिए भारत सरकार से अपील की है लेकिन अभी तक सिर्फ मानवीय मदद मिली है। अखबार के मुताबिक, हिंदुओं के शरणार्थी शिविर की 32 वर्षीय शिशू शील ने कहा, ‘भारत सभी हिंदुओं की भूमि है। नरेंद्र मोदी हिंदू हैं। वह हमारी मदद क्यों नहीं कर रहे?’