नई दिल्ली। सोमवार देर शाम राज्यसभा का शीतकालीन सत्र एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया. ऐसे में अब सदन की कार्यवाही बुधवार तक चलेगी. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार सवर्ण आरक्षण बिल पास कराना चाहती है, इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया है. वहीं, कांग्रेस और बीजेपी ने अपने सभी लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है. पार्टियों की ओर से जारी तीन लाइन के व्हिप में सभी लोकसभा सदस्यों को मंगलवार के दिन सदन में मौजूद रहने को कहा गया है.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार की कोशिश रहेगी कि मंगलवार के दिन सवर्ण आरक्षण बिल को लोकसभा में पास करवा लिया जाए और इसके बाद बिल को राज्यसभा में पेश किया जाए. इसी वजह से अब बुधवार तक के लिए ऊपरी सदन के सत्र को बढ़ा दिया गया है.
दरअसल, केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेलते हुए आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी. यह आरक्षण 50 फीसदी आरक्षण की सीमा से ऊपर होगा और इसके लिए मंगलवार को निचले सदन में संविधान संशोधन विधेयक लाया जाएगा.
1. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई. कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा.
2. बताया जा रहा है कि आरक्षण का फॉर्मूला 50%+10% का होगा. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है.
3. केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय सांपला के मुताबिक जिन लोगों की सालाना आमदनी 8 लाख से कम होगी उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा.
4. जिन सवर्णों के पास खेती की 5 एकड़ से कम जमीन होगी, उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा.
5. इस आरक्षण का लाभ वे सवर्ण पा सकेंगे, जिनके पास आवासीय भूमि 1000 वर्ग फीट से कम होगी.
6. जिन सवर्णों के पास अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 100 गज से कम का आवासीय प्लॉट है वे इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे.
8 लाख से कम आमदनी वाले गरीब सवर्णों को मिलेगा 10% आरक्षण, जानिए क्या होंगी लाभ की शर्तें?
7. इसके अलावा जिन सवर्णों के पास गैर अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 200 गज से कम का आवासीय प्लॉट है उन्हें इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.
8. सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन होगा.