भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच को लेकर पिछले कुछ समय चल रहा विवाद अभी थमा नहीं है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कामकाज देखने के लिए सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) में तकरार एक बार फिर सामने आई है. दो सदस्यीय इस समिति की एक सदस्य डायना इडुल्जी ने समिति के अध्यक्ष विनोद राय को पत्र लिखकर महिला टीम की कोच की नियुक्ति को गलत बताया है.
इडुल्जी ने अपने ई-मेल में राय से कहा है कि हाल में महिला टीम के मुख्य कोच नियुक्त किए गए डब्ल्यू. वी. रमन को अंतिरम कोच बनाया जाना चाहिए और सीएसी को टीम का मुख्य कोच नियुक्त करने देना चाहिए. एडुल्जी चाहती हैं कि पूर्व कोच रमेश पोवार को कार्यकाल बढ़ाया जाए जिनका वनडे टीम की कप्तान मिताली राज के साथ विवाद हुआ था.
नए कोच की नियुक्ति पर फिर जताया ऐतराज
इडुल्जी महिला कोच के चयन प्रक्रिया पर शुरू से सवाल उठा रहीं हैं. वेबसाइट ईएसीपीएनक्रिकइंफो के पास इडुल्जी द्वारा राय को लिखा हुआ ई-मेल मौजूद है जिसमें महिला टीम की पूर्व कप्तान ने लिखा है, “डब्ल्यू.वी. रमन को उनके कार्यकाल जून-2019 तक महिला टीम का अंतिरम कोच नियुक्त करना ज्यादा सही होगा और इसके बाद सीएसी को टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त करने की जिम्मेदारी सौंप देनी चाहिए.”
सीएसी करती है पुरुष टीम के कोच का चुनाव
क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) वो समिति है जो भारत की पुरुष टीम के कोच का चुनाव करती है. इस समिति में तीन दिग्गज सचिन तेंदुलकर, वीवीएस. लक्ष्मण और सौरभ गांगुली हैं. इडुल्जी और राय के बीच मतभेद कोई नई बात नहीं है. हाल ही में वेस्टंडीज में खेले गए महिला टी-20 विश्व कप के दौरान मिताली राज और पूर्व कोच रोमेश पवार के बीच हुए विवाद में भी इन दोनों के मतभेद सामने आए थे.
नए कोच के चयन की जल्दी नहीं थी
इडुल्जी ने अपने ई-मेल में गुरुवार को लिखा है कि महिला टीम के नए कोच का चुनाव करने की कोई जल्दी नहीं थी. उन्होंने लिखा है कि या तो पवार का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता था या अंतिरम कोच नियुक्त किया जा सकता था. उन्होंने राय के एडहॉक समिति के गठन और कोच नियुक्ति के कदम को गैरकानूनी बताया है. इडुल्जी ने अपने ई-मेल में पुरुष टीम के कोच रवि शास्त्री की नियुक्ति का हवाला दिया है और कहा है कि पुरुष टीम भी अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद वेस्टइंडीज के दौरे पर बिना कोच के गई थी.
पहले उन्होंने लिखा है, “आपने और सीईओ ने अतीत में भी एक व्यक्ति के लिए समय सीमा बढ़ाई थी जो बाद में जाकर पुरुष टीम का कोच बना. तो यह अचानक कैसे हो गया कि आपने सीएसी के लिए समय कम पाया. साथ ही पवार के कार्यकाल को बढ़ाना उचित नहीं समझा. उस समय को याद कीजिए जब पुरुष टीम वेस्टइंडीज दौरे पर बिना कोच के गई थी क्योंकि उस समय कोच नियुक्ति की समय सीमा को बढ़ा दिया गया था और सीएसी को प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय दिया गया था.” कुंबले के बाद शास्त्री को सीएसी ने टीम का नया कोच नियुक्त किया था.