शबाना की आपबीती किसी आम लड़की के लिए रूह कंपाने वाली है। जिस समय शबाना को पीरियड हुए ही थे तभी उसका निकाह एक शेख से हो गया। शबाना के लिए तो वो शेख अंकल थे, लेकिन अंकल की नजर उसपर कैसी थी ये उसे नहीं पता था।
पीरियड आते ही निकाह होना इस्लाम में नया नहीं है, लेकिन हैदराबाद में इस रिवायत के चलते एक अलग दुनिया चल रही है जहाँ अरब मुल्क के अमीर शेख आते हैं, रकम देकर छोटी लड़कियों (वर्जिन) से कुछ समय के लिए निकाह करते हैं और फिर उनके साथ कुछ दिन गुजारकर चले जाते हैं।
हाल में आजतक की मृदुलिका झा ने इस पर ग्राउंड रिपोर्ट की है। रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि कैसे ‘मुताह निकाह, शेख मैरिज’ के चलन ने लड़कियों की जिंदगियाँ बर्बाद की हुई है और परिवार वालों को इन सबसे कोई आपत्ति भी नहीं है। इस निकाह को हैदराबाद में एक बिजनेस की तरह आगे बढ़ाया जा रहा है और इसे कराने के लिए बकायदा ब्रोकर और एजेंट हैं।
रिपोर्ट में एक शबाना (बदला नाम) नाम की लड़की का जिक्र पढ़ने को मिलता है। शबाना की आपबीती किसी आम लड़की के लिए रूह कंपाने वाली है। जिस समय शबाना को पीरियड हुए ही थे तभी उसका निकाह एक शेख से हो गया था। शबाना के लिए तो वो ‘शेख अंकल’ थे, लेकिन अंकल की नजर उसपर कैसी थी ये उसे नहीं पता था।
शेख अंकल उसके घर आते, उसे गोद में बिठाते, उसके गुदगुदी करते और फिर उसे घूर-घूरकर चले जाते… ये सिलसिला कई दिन चला और फिर एक दिन दोनों का निकाह हो गया। शबाना की बिदाई लंबी गाड़ी में हुई और उसे होटल लेकर जाया गया। यहाँ वही शेख अंकल उसके साथ 15 दिन रहे।
खबर लगते ही गर्भ गिराने की कोशिशें हुईं लेकिन स्थिति तब तक हाथ से निकल गई थीं। गर्भपात करवाने पर शबाना की जान को भी खतरा था इसलिए घरवाले उसे लेकर लौटे और एक कमरे में बंद कर दिया। उसे धमकी दी गई कि अबसे वो न स्कूल जाएगी-न बाहर।
शबाना ने इसके बाद एक बच्ची को जन्म दिया। घरवालों ने सोचा कि वो इस बच्ची को यतीमखाने भेजें। हालाँकि शबाना के भाई-भाभी ने इससे मना कर दिया और वो बच्ची गोद लेली। अब वो बच्ची शबाना को ‘बाजी’ कहती है। शबाना चाहकर भी उसे अपनी बेटी नहीं कह पाती क्योंकि अब्बू मजहबी किस्म के हैं और वो नहीं चाहते कि किसी को इस बारे में पता हो।
इसी प्रकार खबर में एक ऐसी महिला का भी जिक्र है जिसने अपनी बड़ी बेटी को शेख के हाथ बेचा और बाद में खुद पाँच मंजिला घर में आराम से रहती मिली। उनका मकसद अब आगे छोटी बेटी का निकाह भी इसी तरह से करवाने का है।
हैदराबाद में मुताह निकाह आम
अजीब बात ये है कि ‘मुताह निकाह’ हैदराबाद के कई इलाकों (शाहीन नगर, हसन नगर, याकूब पुरी, बारकास, चारमीनार और वट्टापल्ली) में अब आम हो चुका है, लेकिन लोगों को ये गुनाह नहीं लगता। स्थानीय महिलाएँ, होटल के लोग, ब्रोकर-एजेंट सब मिलकर बड़े ही शातिर ढंग से इस कारोबार को संचालित कर रहे हैं। ब्रोकर 20-25-50 हजार रुपए में लड़कियों का सौदा करते हैं और शेखों को बेचते हैं। ये एजेंट पहले से ही जानते हैं कि कौन से परिवार की लड़कियाँ इस प्रकार के निकाह के लिए उपलब्ध हैं और किसे अधिक पैसे की आवश्यकता है।
इसके बाद ये गल्फ मुल्कों के शेखों से संपर्क में आते हैं, उन्हें मेडिकल वीजा पर भारत बुलाया जाता है, लड़कियों की ब्यूटी पार्लर या घर में परेड होती है और फिर शेख अपने लिए लड़की चुनता है और बाद में निकाह कराया जाता है। बताया जाता है कि इस तरह के निकाह करने पहले केवल अरब के अमीर शेखों के आने का चलन था, मगर अब सूडान और सोमालिया से भी मुस्लिम नागरिक आते हैं जो कम पैसों में ही इस तरह कॉन्ट्रैक्ट निकाह करते हैं।
मृदुलिका झा की रिपोर्ट पढ़कर भी समझ सकते हैं कि कैसे एजेंट खुलकर बताते हैं कि वो कितनी लड़कियों के निकाह कराते हैं। कैसे उनका वर्जिनिटी सर्टिफिकेट शेखों को उपलब्ध कराते हैं। कैसे एक लड़की को बार-बार वर्जिन बताकर कई बार शेखों को दिया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक शेख के आगे खुद को परोसने के लिए लड़कियाँ भीतर फिटकरी रखती हैं और कई बार डॉक्टर के पास जाकर बार-बार सर्जरी भी करवाती हैं।
मुताह निकाह की शर्तें
मौजूदा जानकारी के अनुसार, मुताह निकाह इस्लाम में अस्थायी संबंध को कहते हैं जो कुछ समय के लिए बनाया जाता है। इस निकाह की कुछ अनिवार्य शर्तें और नियम हैं। जैसे,
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दोनों पक्षों की आयु 15 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
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बीवियों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
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निकाहनामा में रॉयल्टी और दहेज की अवधि का उल्लेख किया जाना चाहिए।
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दोनों पक्षों के बीच शारीरिक संबंध बन सकता है।
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मुताह निकाह में बीवी व्यक्तिगत कानून के तहत रखरखाव का दावा नहीं कर सकती है।
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इसी तरह मुताह निकाह में तलाक मान्यता प्राप्त नहीं होता।
ऑनलाइन होता है निकाह
इस मुताह निकाह का चलन हैदराबाद में इतना हो चला है कि अब इन्हें करने के लिए किसी स्थान की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि इसे व्हॉट्सएप पर ही करवा दिया जाता है। टाइम्स की एक रिपोर्ट में ब्रोकर ने तो ये भी बताया कि ऐसे 20-30 निकाह हर महीने होते हैं। इसके बाद दुल्हनों को टूरिस्ट वीजा पर उनके शौहरों के पास भेज दिया जाता है। फिर वहाँ न केवल लड़कियों का शोषण होता है, बल्कि उन्हें मारा पीटा जाता है, उन्हें नौकर बनाकर भी रखा जाता है।
सालों से हो रही लड़कियाँ मुताह निकाह की शिकार
बता दें कि हैदराबाद में मुताह निकाह की रिवायत आज से नहीं है। तमामों लड़कियाँ इसकी शिकार हो चुकी हैं। कुछ को इस्तेमाल करके छोड़ दिया गया तो कुछ को गल्फ मुल्कों में ले जाकर जिंदगी बर्बाद कर दी गई। कभी वो सेक्स स्लेव बनकर जीवन गुजारती हैं तो कभी खदीमा के तौर पर काम करती हैं। लड़कियों का कोई निश्चित ठिकाना नहीं रह जाता। उनका केवल गुलामों की तरह इस्तेमाल होता है और साथ में ध्यान रखा जाता है कि शेखों के साथ हुए निकाह से बच्चे न हों क्योंकि ऐसा होने पर खर्चा ज्यादा होता है।