नई दिल्ली। यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है. कल देर रात तक चली कांग्रेस की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के प्रस्ताव पर सभी नेताओं ने एक सुर में सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष बनाने का समर्थन किया. सोनिया गांधी नए अध्यक्ष के चुनाव तक यह जिम्मेदारी निभाएंगी.
1998 से 2017 तक कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी हैं सोनिया
सीडब्ल्यूसी की दो बार हुई बैठक में तीन प्रस्ताव भी पारित किए. एक प्रस्ताव में बतौर अध्यक्ष राहुल गांधी के योगदान की सराहना की गई है, दूसरे में सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किए जाने और तीसरे प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जिक्र किया गया है. सोनिया गांधी 14 मार्च, 1998 से 16 दिसंबर, 2017 तक कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी हैं और उनके अध्यक्ष रहते 2004 से 2014 तक पार्टी केंद्र में सत्तासीन रही.
सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाने का कदम युवा और अनुभवी नेताओं के बीच सामंजस्य बनाते हुए पार्टी को आगे ले जाने की रणनीति के तहत उठाया गया है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करने वाले युवा नेताओं को सोनिया के तहत काम करने में कोई दिक्कत नहीं होगी और अनुभवी नेताओं का तो सोनिया के नेतृत्व में काम करने का लंबा अनुभव है.
अध्यक्ष पर फैसले को लेकर सीडब्ल्यूसी की हुईं दो बैठकें
कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर फैसले को लेकर सीडब्ल्यूसी की दो बैठकें हुईं. सुबह की बैठक के बाद सीडब्ल्यूसी के नेताओं ने पांच अलग-अलग समूहों- पूर्वोत्तर क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, उत्तर क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र और दक्षिण क्षेत्र- में बांटकर प्रदेश अध्यक्षों, राष्ट्रीय सचिवों तथा कई अन्य पदाधिकारियों के साथ परामर्श बैठकें कीं और उनकी राय ली.
इन परामर्श बैठकों में यह आम राय बनी कि राहुल गांधी को पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए, हालांकि राहुल गांधी ने सीडब्ल्यूसी की सुबह की बैठक में पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार नहीं करेंगे.
परामर्श बैठकों के बाद रात के समय जब सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई्र तब पार्टी के नेताओं की भावनाओं का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया, लेकिन उन्होंने फिर से मना कर दिया. इसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला हुआ.