सियोल। उत्तर कोरिया ने मंगलवार को पूर्वी सागर में दो मिसाइलों का परीक्षण किया है. दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा कि ये कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइलें हैं. माना जा रहा है कि यह परीक्षण सोमवार से अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच शुरू हुए सैन्य अभ्यास के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के लिए किया गया है. समाचार एजेंसी योनहाप ने जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) के हवाले से कहा ये परीक्षण सुबह 5.24 बजे और 5.36 बजे उत्तर कोरिया के दक्षिणी ह्वांग्हाई प्रांत के क्वैल शहर से किए गए.
जेसीएस के अनुसार, मिसाइलों की अधिकतम ऊंचाई 37 किलोमीटर और अधिकतम गति करीब 6.9 मैक रही. जेसीएस ने कहा, “दक्षिण कोरिया और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ये कम दूरी की मिसाइलें उत्तर कोरिया द्वारा 25 जुलाई को प्रक्षेपित की गई मिसाइलों के समान हैं.” उन्होंने कहा, “अतिरिक्त लॉन्चिंग की स्थिति में और सतर्कता बरतने के लिए हमारी सेना नजर बनाए हुए है.”
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को परीक्षण के बाद चेतावनी देते हुए कहा कि वह नया रास्ता अपना सकता है. उत्तर कोरिया का कहना है कि ये युद्धाभ्यास अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ हुए समझौतों का उल्लंघन हैं.
उत्तर कोरिया की सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार, बयान में कहा गया, “अमेरिका और दक्षिण कोरिया बाहर से वार्ता करते हैं, लेकिन वे जब हमारे पीछे बैठते हैं तो हमें नुकसान पहुंचाने के लिए तलवारों को धार देते हैं.”
बयान में कहा गया, “अगर अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई प्रशासन ने हमारी बार-बार की चेतावनियों को अनदेखा किया तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी, और उन्हें बहुत परेशानी होगी.”
प्योंगयांग द्वारा परमाणु हथियारों के विकास तथा लगातार मिसाइल परीक्षणों के बाद उत्तर कोरिया पर अमेरिकी तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए गए हैं. उत्तर कोरिया ने पिछले शुक्रवार को एक परीक्षण किया था, जिसे दक्षिण कोरिया ने कहा कि था कि यह नए प्रकार की कम दूरी की मिसाइल प्रतीत हो रही है.
दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अनुसार, इन दो मिसाइलों ने जापान के सागर में लक्ष्य भेदा था.