योगी सरकार के 8 साल : गोरखपुर में एक लाख करोड़ की परियोजनायें धरातल पर उतरीं, निवेश और रोजगार से बदल रहे तस्वीर

योगी सरकार के आठ साल में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये की लागत से 1500 किमी सड़कों का हुआ निर्माण - Dainik Bhaskar | Uttar Pradesh News, UP Dainikbhaskarगोरखपुर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 25 मार्च को अपने दूसरे कार्यकाल के साथ 8 साल पूरे कर लिए हैं. इन 8 सालों में यूपी के साथ ही सीएम योगी के गृह जिला गोरखपुर में भी जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है. गोरखपुर में एक लाख करोड़ की परियोजनायें धरातल पर उतर रहीं हैं.

बीजेपी का दावा है कि जो राज्य 2017 तक ‘बीमारू’ माना जाता था, वह अब देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने औद्योगिक निवेश, रोजगार और कारोबार को प्राथमिकता दी, जिसका असर यह हुआ कि यूपी अब ‘उद्यम प्रदेश’ बन चुका है.

2017 में ली सीएम पद की शपथ : आठ साल पहले एक लंबे अंतराल के बाद उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत मिला. 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े और राजनीति के लिहाज से सबसे बड़े सूबे के मुखिया का दायित्व संभाला.

योगी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि पूर्वांचल में चार दशक से महामारी का रूप ले चुकी इंसेफेलाइटिस की बीमारी का खात्मा रहा. सड़क, पुल, पुलिया, खेल की सुविधा, अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना, यही नहीं तकनीक से लेकर आयुष और अब वानिकी विश्वविद्यालय भी गोरखपुर में स्थापित हो जाएगा.

विदेश के लिए उड़ान भरेंगे विमान : गोरखपुर भविष्य में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लिए भी जाना जाएगा. इसका निर्माण गोरखपुर-वाराणसी रोड पर ताल कंदला के पास होना तय है. वहीं एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है. आने वाले दिनों में कुछ नजदीकी देशों के लिए भी यहां से फ्लाइट टेक ऑफ कर सकेगी. इन 8 सालों में सीएम योगी ने माफिया से लेकर महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई. एनकाउंटर और बुलडोजर एक्शन से मैसेज दिया कि जो भी कानून से खिलवाड़ करेगा वह बचेगा नहीं.

इंसेफेलाइटिस को जड़ से किया खत्म.

इंसेफेलाइटिस को जड़ से किया खत्म. 

सीएम योगी के प्रयासों को देखते हुए लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने गोरखपुर में विकास का जो ढांचा तैयार किया था, योगी उससे काफी आगे निकल चुके हैं.

योगी ने फैसलों से दिखाई सख्ती : वहीं सीएम योगी ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिसका विरोध भी हुआ. व्यापारी से लेकर आम जनता तक परेशान हुई. लेकिन योगी अपने फैसले पर अटल रहे. उन्होंने शहर की तंग गलियों को चौड़ी सड़कों में बदल दिया. इसके लिए उन्होंने लोगों के घरों पर बुलडोजर तक चलवा दिया.

रामगढ़ ताल को पर्यटन स्थल के रूप में डेवलप किया जा रहा है.

रामगढ़ ताल को पर्यटन स्थल के रूप में डेवलप किया जा रहा है. 

सांसद रहते योगी हमेशा गोरखपुर में एम्स जैसा बड़ा अस्पताल खोलने की मांग करते रहते. 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनी तो गोरखपुर को 2000 करोड़ की लागत से तैयार एम्स की सौगात मिली.

उन्होंने अभ्युदय योजना के जरिए सिविल सर्विसेज और मेडिकल, इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले बच्चों को मुफ्त में मार्गदर्शन मिल सके, इसके लिए कोचिंग सेंटर की स्थापना कराई. 1990 से बंद बड़े खाद कारखाने को चालू कराया, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला.

गोरखपुर में जटायू संरक्षण केंद्र बनाया जा रहा है.

गोरखपुर में जटायू संरक्षण केंद्र बनाया जा रहा है. 

सभी सड़कें फोनलोन से जुड़ीं : गोरखपुर को जोड़ने वाली आस-पास के जिलों की सभी सड़कें फोरलेन में बदल चुकी हैं. गोरखपुर से नेपाल को जोड़ने वाली फोरलेन कनेक्ट हो चुकी है. गोरखपुर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से जुड़ रहा है.

लोग कहते हैं भविष्य में गोरखपुर पूर्वांचल की राजधानी बनेगा. यहां बनारस के तर्ज पर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर से भी बड़ा कन्वेंशन सेंटर बन रहा है, जिसमें 5000 से अधिक लोग एक साथ बैठ सकेंगे.

गोरखपुर को दूसरे जिलों से जोड़ने वाली सभी सड़कें फोरलेन में बदल चुकी हैं.

गोरखपुर को दूसरे जिलों से जोड़ने वाली सभी सड़कें फोरलेन में बदल चुकी हैं.

रामगढ़ ताल पर्यटन स्थल के रूप में हो रहा डेवलप : पर्यटकों के आकर्षण के सबसे बड़े केंद्र रामगढ़ ताल का भी विकास हो रहा है. क्रूज से लेकर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, शिकारा बोट, पैरासेलिंग, मोटर बोट चल रहे हैं. ताल को चौतरफा रिंग रोड से जोड़कर एक पर्यटन स्थल के रूप में डेवलप किया जा रहा है.

होटल इंडस्ट्रीज की बात करें तो रेडिसन ब्लू, कोर्टयार्ड मैरियट, रामादा जैसे बड़े होटल यहां सुविधा दे रहे हैं. ताज समेत कई बड़े होटलों का निर्माण चल रहा है.

राप्ती नदी के किनारे बनाये गये घाट. अब यहां आरती होती है.

राप्ती नदी के किनारे बनाये गये घाट. अब यहां आरती होती है. 

गीडा में बहार : गोरखपुर का औद्योगिक विकास केंद्र (गीडा) भी तरक्की पर है. 2017 से पहले यहां बंदूकें तड़तड़ाती थीं. अपराध की वजह से कोई उद्योगपति यहां नहीं आता था. लेकिन आज यहां पेप्सीको जैसा बड़ा ब्रांड उद्योग लगाकर उत्पादन कर है.

ज्ञान दूध की बड़ी डेयरी की स्थापना हुई है. जल्द ही अडानी और श्री सीमेंट जैसे बड़े सीमेंट उद्योगपति धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने वाले हैं. लुलु मॉल खोले जाने की तैयारी है. तत्वा प्लास्टिक, केयार्न डिस्टलरी और गैलेंट, अंकुर स्टील जैसे उद्योग लगने से लाखों लोगों को रोजगार मिला है.

बढ़े उद्योग तो आया रोजगार

यूनिट निवेश (करोड़ में) रोजगार स्थिति
केयान इंडस्ट्रीज 1200 1000 निर्माणाधीन
वरुण ब्रेवरेज 1071 1509 उत्पादन
इंडिया ऑटोव्हील्स 400 1500 निर्माणाधीन
एसडी इंटरनेशनल 230 300 निर्माणाधीन
सीपी मिल्क 118 1000 उत्पादन
तत्वा प्लास्टिक्स 105 110 उत्पादन
कपिला कृषि 100 150 निर्माणाधीन

नोट: निवेश का आंकड़ा करोड़ रुपये में है. निर्माणाधीन यूनिट में रोजगार की संख्या प्रस्तावित है, अडानी ग्रुप और श्री सीमेंट यहां सीमेंट उद्योग लगाने जा रहा है.


रियल स्टेट में कर रहा तरक्की : इन 8 सालों में गोरखपुर रियल स्टेट के क्षेत्र में भी आगे बढ़ा है. कई बड़े बिल्डर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग से लेकर आवासीय प्रोजेक्ट लॉन्च करने में लगे हैं. जीडीए से भूमि अधिग्रहण का अधिकार मिलने के बाद ओमेक्स किसानों से जमीन ले रहा है. वहीं प्राधिकरण ने करीब आधा दर्जन से अधिक आवासीय परियोजनाओं को लॉन्च किया है.

जिला अध्यक्ष जनार्दन तिवारी कहते हैं गोरखपुर को सीएम योगी ने इतनी विकास परियोजनाएं दी हैं, जिसे वह गिना नहीं सकते. सबसे बड़ी सफलता इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को खत्म करने में मिली है.

विधायक बोले- लोगों के चेहरे पर लाई खुशहाली : गोरखपुर ग्रामीण से विधायक विपिन सिंह कहते हैं योगीराज में किसी के साथ अन्याय नहीं हो रहा, तो फिर गोरखपुर के साथ अन्याय कैसे होगा. यह तो उनका कर्म क्षेत्र है. गोरखपुर ग्रामीण ऐसी विधानसभा है जहां आजादी के बाद विकास दूर-दूर तक नजर नहीं आता था. एक बड़ा क्षेत्रफल राप्ती नदी में हर साल डूबता था. हजारों एकड़ फसलें तबाह हो जाती थीं. लेकिन तरकुलानी रेग्यूलेटर बनने से लोगों के चेहरे पर खुशहाली है.

विपिन सिंह कहते हैं, मेरे विधानसभा में विकास का रिकॉर्ड पूरे प्रदेश में टॉप पर है. चार बड़े बंधे पूरी तरह से मजबूत किए गए हैं जो लोगों के आवागमन का बड़ा साधन बना है. गोरखपुर का चिड़ियाघर, रामगढ़ ताल का नौकायन केंद्र, खोराबार टाउनशिप, राप्ती नदी पर रामघाट- राजघाट जैसे घाट का निर्माण हुआ है. एनसीसी का हेड क्वार्टर और भविष्य में स्थापित होने वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा का हिस्सा है.

अडानी भी लगा रहे उद्योग : चेंबर इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष प्रवीण मोदी कहते हैं कि गोरखपुर का गीडा नोएडा की तर्ज पर विकास लेता दिखाई दे रहा है. गीडा की स्थापना नोएडा के साथ हुई थी, लेकिन, पूर्वांचल में माफिया की दखल की वजह से यहां कोई उद्योग लगाने को तैयार नहीं था. अब तो अडानी भी यहां उद्योग लगा रहे हैं.

स्थानीय नागरिक सुनील कुमार, चन्द्रशेखर सिंह और विकास कुमार कहते हैं कि गोरखपुर को लोग पहले गोबरपुर कहां करते थे. लेकिन योगी के शासनकाल से यह परिभाषा बदली है. गोरखपुर को एक पहचान मिली है.

वनटांगियों को दी राजस्व ग्राम की सुविधा: करीब सौ साल तक उपेक्षा का शिकार रहे वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन को अब अति विशिष्ट गांव के रूप में जाना जाता है. इसकी वजह है 2017 से ही मुख्यमंत्री योगी द्वारा इस गांव में दीपोत्सव मनाना.

योगी यहां साल 2009 से ही बतौर सांसद दीपावली मनाते रहे हैं. उन्होंने लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाया.

2017 में मुख्यमंत्री बने तो वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें शासन प्रदत्त सभी सुविधाओं का हकदार बना दिया. उन्होंने वनटांगिया गांवों को आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, जैसे संसाधनों के साथ ही यहां रहने वालों सारी सुविधाएं दी.

बंद पड़ी पिपराइच चीनी मिल को चालू करवाया: 1932 में एक निजी क्षेत्र की चीनी मिल लगाई गई थी. 1974 में उसका अधिग्रहण हुआ लेकिन मिल 1999 में बंद हो गई. 2017 में सूबे की कमान संभालने के बाद बंद मिल को चालू करवाया. 17 नवंबर 2019 को पेराई का रिकॉर्ड बनाया.

इस मिल में गन्ने से चीनी बनाने के साथ ही उसके बाई प्रोडक्ट से बिजली का भी उत्पादन होता है. सीएम योगी ने 9 दिसंबर 2020 को पिपराइच चीनी मिल में सल्फरलेस चीनी प्लांट का भी लोकार्पण कर इसे मॉडल मिल बना दिया. इस मिल की क्षमता प्रतिदिन 50 हजार क्विंटल गन्ना पेराई की है, जो पुरानी चीनी मिल से छह गुना अधिक है. यहां गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाने वाला प्लांट भी लगाया जायेगा.

इसके अलावा शहर को वानिकी विश्वविद्यालय, जटायु संरक्षण केंद्र, गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों की शादी के लिए कल्याण मंडपम ,पशु चिकित्सा महाविद्यालय, अटल आवासीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल, प्रदेश का पहला स्क्रैप सेंटर, इंडियन ऑयल का रिफलिंग प्लांट के साथ ही कई एसटीपी का निर्माण चल रहा है. वहीं 6000 एकड़ क्षेत्रफल में नया गोरखपुर बसाया जा रहा है, जिसके लिए सीएम योगी ने 3000 करोड़ का बजट दिया है.

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