कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भाजपा के आरोपों पर जताई तीखी प्रतिक्रिया

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने पत्नी के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संबंद्धता संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों पर शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी

नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने पत्नी के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संबंद्धता संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों पर शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी।

गोगोई ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में कहा , “भाजपा ने मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने के लिए‘अतिवादी’ कदम उठाये हैं। उनके आरोप दुर्भावनापूर्ण और निराधार हैं। मैं उचित कानूनी कार्रवाई करूंगा।”

गौरतलब है कि भाजपा ने आज आरोप लगाया कि गोगोई की पत्नी के आईएसआई के साथ संबंध है। पार्टी प्रवक्ता अजय आलोक ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी आईएसआई से मिली हुई है।उन्होंने कहा कि गोगोई की शादी वर्ष 2013 में एलिज़ाबेथ कोलबर्न से हुई थी , जो पूर्व में आईएसआई समर्थित अली तौकीर शेख के साथ काम कर चुकी हैं। ये सीनेटर थॉम के साथ भी काम कर चुकी हैं, जिनका जॉर्ज सोरोस से नजदीकी संबंध है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा,“ गोगोई, लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता हैं, भारत में कांग्रेस पार्टी मुख्य विरोधी दल है, राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं और मल्लिकार्जुन खरगे जी इनके अध्यक्ष हैं, तो इन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए कि एलिज़ाबेथ कोलबर्न की संलिप्तता क्या है।”

कॉन्ग्रेस MP गौरव गोगोई की अंग्रेज बीवी का ISI से है कनेक्शन? दावा- जो लेते हैं जॉर्ज सोरोस से पैसा उनसे भी जुड़ा है कॉन्ग्रेस सांसद का NGO

गौरव गोगोईअसम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कॉन्ग्रेस नेता गौरव गोगोई पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कॉन्ग्रेस सांसद का नाम लिए बिना उनकी पत्नी की नागरिकता और उनके ISI से सम्बन्धों के आरोप लेकर भी बात की है। उन्होंने इससे उठे प्रश्नों का जवाब माँगा है।

एक्स (पहले ट्विटर) पर असम मुख्यमंत्री ने लिखा, “ISI से संबंधों के आरोप, युवाओं के ब्रेनवॉश और उनको पाकिस्तानी दूतावास में कट्टरपंथी बनाने समेत पिछले 12 साल से भारतीय नागरिकता ना लेने पर उठे सवालों का जवाब दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, धर्मांतरण कार्टेल से जुड़ा होना और देश की सुरक्षा को अस्थिर करने के लिए जॉर्ज सोरोस समेत पैसा लेना ऐसी चिंताएँ हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।”

जहाँ हिमंत बिस्वा सरमा ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह साफ है कि वह कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के बारे में बात कर रहे थे। दोनों की शादी 20 13 में हुई थी। 12 साल बाद भी कोलबर्न ने अपना ब्रिटिश पासपोर्ट बरकरार रखा है। उन्होंने भारत की नागरिकता नहीं ली है।

हिमंत बिस्वा सरमा ने यह भी सवाल उठाया कि एक सांसद की पत्नी को इतने लंबे समय तक विदेशी नागरिकता बनाए रखने की अनुमति क्यों दी गई है, जबकि राजनयिकों के लिए एक अलग नियम है। उन्होंने IFS अधिकारियों की विदेशी नागरिक से शादी को लेकर नियम पर बात की। इसके तहत उन्हें अनुमति लेनी होती है और उनके साथी को 6 महीने में नागरिकता लेनी होती है।

असम के सीएम उन पर सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोपों का जिक्र कर रहे थे। इन आरोपों के अनुसार, एलिजाबेथ अली तौकीर शेख के जरिए ISI से जुड़ी हैं, जो CDKN के एशिया का डायरेक्टर है। उसने पाकिस्तान योजना आयोग में भी काम किया है। एलिजाबेथ ने पाकिस्तान में तौकीर शेख के साथ मिलकर काम किया।

गौरव गोगोई के NGO पर FCRA उल्लंघन का आरोप

इससे पहले गौरव गोगोई ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि मणिपुर में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए भाजपा जॉर्ज सोरोस और उनके ओपन सोसाइटी फाउंडेशन का मुद्दा उठा रही है। दिलचस्प बात यह है कि गौरव गोगोई के सोरोस से पैसे लेने वाले संगठनों से संबंध हैं।

गौरव गोगोई फार्म 2 फूड के नाम के NGO के संस्थापक हैं। जोरहाट में स्थित इस NGO का सहयोगी नेशनल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (NFI) है। यह संगठन जॉर्ज सोरोस और अन्य डीप स्टेट से पैसा लेता है। NFI ने जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और रॉकफेलर फाउंडेशन को फंड देने वालों के रूप में बताया है।

इसके बावजूद, यह NGO विदेशी संगठनों के साथ काम कर रहा है, जिससे सवाल उठता है कि क्या समूह FCRA कानूनों का प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है। फार्म 2 फूड ने स्विस रे फाउंडेशन को भी अपने सहयोगी के तौर पर दिखाया है। स्विस रे द्वारा संचालित फाउंडेशन जलवायु और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर काम करता है।

इसकी वेबसाइट बताती है कि यह अन्य सहायता के अलावा अपने भागीदारों को फंड भी देता है। फार्म 2 फूड की 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इसे उस वर्ष ₹1 लाख 80 हजार का डोनेशन और ₹14 लाख 74 हजार का चन्दा मिला। हालाँकि, इसमें पैसा देने वालों का नाम नहीं है। इसलिए, यह पता नहीं लगाया जा सकता कि इसे सीधे तौर पर कोई विदेशी फंडिंग मिली है या नहीं।

 

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