45 करोड़ सनातनियों की सुरक्षा के लिए Yogi ने उतारे ऐसे धाकड़ अधिकारी, ठंड में बाइक पर ले रहे जायजा
योगी सरकार की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, एडीजी, डीआईजी और एसएसपी ने संभाली कमान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे मेला क्षेत्र में भ्रमण करते नजर आए आला अधिकारी
एडीजी भानु भास्कर ने पूरे मेला क्षेत्र का किया भ्रमण, संगम नोज में वॉच टॉवर पर चढ़ाकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के प्रबंधों का किया मुआयना
महाकुंभ के अमृत स्नान में शामिल हुए करोड़ों करोड़ श्रद्धालुओं व्यवस्था में तिनके भर की भी दिक़्क़त ना आये ये देखने के लिए मोटरसाइकिल से ही जायज़ा लेने पहुंच गये योगी के ‘रत्न’ या यूं कहें कि मुख्यमंत्री योगी के हनुमान शिशिर तो वहीँ स्कूटी से मुआयना करते दिखाई दिये मृत्युंजय कुमार। इतना ही नहीं DIG महाकुंभ घोड़ों पर सवार होकर निकल पड़े ताकि श्रद्धालुओं को दिक्कत का सामना न करना पड़े। योगी के हनुमान निदेशक सूचना शिशिर बाइक पर बैठकर महाकुंभ में मीडिया को हर संभव सहयोग और सुविधा देने के लिए मुस्तैद दिख रहे हैं। ये एक बानगी है। इसी तरह हर अफसर और कर्मचारी महाकुंभ में अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपनी ड्यूटी की आस्था में डुबकी लगा रहा है।
धर्म कर्तव्य पालन का आदेश देता है। ऐसे लोग अनमोल हैं जो अपनी ड्यूटी का कर्तव्य पालन कर्मठता और पूरी ईमानदारी से करते ही हैं साथ इनमें धार्मिक आस्था के प्रति समर्पण की शक्ति है। कर्त्तव्यपरायणता और धार्मिक आस्था का मिलन ऐसी महाशक्ति ईश्वरीय चमत्कार जैसी होती है। जो बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करने में सफल होती हैं।
महाकुंभ में दिन पर दिन श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ती जा रही है, ऐसे में योगी प्रशासन ने पूरी ताक़त झोंक रखी है, कहीं से किसी को कोई दिक़्क़त ना आये इसके लिए अलग अलग तरकीबें निकालकर अफ़सर जायज़ा ले रहे हैं। ऐसे में आम आदमी की तरह जब वो बाइक पर मुआयना करने के लिए निकले तो लोगों ने उनका वीडियो बना लिया और उसके बाद से ही उनकी जमकर तारीफ़ की जा रही है।
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आइये अब हम आप को बताते हैं कैसी है महाकुम्भ की सुरक्षा ब्यवस्था
आईजी पीएसी पूर्वी जोन डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि महाकुंभ में 10 कंपनी पीएसी देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मुस्तैदी काम कर रही है। संगम में स्नान करने के लिए आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया गया है। जिसमें सुरक्षा कर्मियों को 107 बीटों में बांटा गया है। यही नहीं स्नानार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए इसके लिए बाकायदा चिकित्सक और जन औषधि केंद्रों से युक्त आधुनिक वाटर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। जल पुलिस अलग से थाने और चौकियों के साथ 16 सब कंट्रोल रूम बनाने की तैयारी में लगी है। जिससे पलक झपकते ही श्रद्धालुओं को हर सुविधा मुहैया कराई जा सके।
उन्होंने बताया कि कोई अनहोनी न होने पाए, इसके लिए थर्मो-प्लास्टिक के फ्लोटिंग ब्लाक्स को जोड़कर बैरिकेडिंग बनाई गई है, जिस पर 24 घंटे पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।
चार जोन का सुरक्षा चक्र
महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं। इसके तहत जल पुलिस को चार जोन में बांटकर सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
पहला जोन (संगम क्षेत्र)
पहला संगम का घेरा रहेगा, जिसमें 25 बीट में 290 पीएससी, एसडीआरएफ, एनडीआरफ, 8 पीएससी गोताखोर, 30 सुरक्षाकर्मी, 18 प्राइवेट गोताखोर, 26 होमगार्ड, 27 मोटर बोट और 113 नाव सुरक्षा इंतजाम में लगाए गए हैं।
दूसरा जोन (बरगद घाट)
दूसरा बरगद घाट का घेरा रहेगा। इस दूसरे जोन में 28 बीट में 33 सुरक्षाकर्मी, 100 पीएसी व एनडीआरएफ एसडीआरएफ, 50 होमगार्ड, 40 पीएससी गोताखोर, 50 प्राइवेट गोताखोर, 24 मोटर बोट और 77 नाव की ब्यवस्था है।
तीसरा जोन (संगम क्षेत्र से दुर्वासा)
तीसरा जोन संगम क्षेत्र से दुर्वासा का होगा। इस तीसरे जोन में 16 बीट के अंतर्गत 21 सुरक्षाकर्मी, 68 पीएसी व एसडीआरएफ, एनडीआरफ, 16 प्राइवेट गोताखोर, 28 होमगार्ड, 8 मोटर बोट और 99 नाव सुरक्षा के लिए उपलब्ध है।
चौथा जोन (संगम क्षेत्र से फाफामऊ)
चौथा जोन 38 बीटों वाला रहेगा, जिसमें 50 सुरक्षाकर्मी और पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ 210, 14 पीएससी गोताखोर, 19 प्राइवेट गोताखोर, 64 होमगार्ड, 33 मोटर बोट और 311 नाव की ब्यवस्था है।
इतनी बड़ी संख्या की सुरक्षा का मॉडल सैकड़ों देशों का स्टडी प्वाइंट बन गया है। ये आयोजन कम्युनिकेशन और अनेकता में एकता की मिसाल बन कर पेश हो रहा है। गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम किस तरह सनातनी संपूर्ण शक्तियों को अपने बाहों में समेट सकता है। हर जाति, प्रत्येक सम्प्रदाय और पंथ का अटूट गुलदस्ता हिन्दुत्व को महाशक्ति बना रहा है। हमारे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का दर्पण बनकर महाकुंभ देश के आर्थिक विकास,पर्यटन, व्यापार और स्वरोजगार की उन्नति,प्रगति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। ये भी देखने लायक है कि महाकुंभ की आस्था के रूप में भारत की आध्यात्मिक शक्ति किस तरह प्रासंगिक है और विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
डिजिटल महाकुंभ के जरिए दुनिया हमारी इन खूबियों को पल-पल देख रही है, सीख रही है, प्रेरणा ले रही है। आस्था के इस अनुष्ठान से सैकड़ों देश भारत के प्रति आस्थावान हो रहे हैं। अयोध्या और काशी के बाद प्रयागराज का भी कायाकल्प हो गया है।
देश को गौरवान्वित करने वाले इस भव्य और दिव्य आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके अफसरों को बड़ा श्रेय जाता है। मुख्य सचिव हो, प्रमुख सचिव सूचना, डीजीपी, निदेशक सूचना, मुख्यमंत्री के सलाहकार या अन्य हजारो कर्मचारी, हर किसी में आस्था के मनोभाव से अद्भुत शक्तियों और क्षमताओं का समावेश इस एतिहासिक अनुष्ठान को सफल बना रहा है।
डिजिटल महाकुंभ के पल-पल के मनमोहक आध्यात्मिक दृश्यों में एक ऐसी भी तस्वीर आज सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रही है जिसमें उ.प्र. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक सूचना शिशिर और मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार बाइक और स्कूटी पर घूम-घूम कर कुंभ की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में लगे हैं। कई अफसर और कर्मचारी दिनों रात मेहनत में जुटे हैं। ड्यूटी के कर्तव्य के साथ आस्था ने जैसे इन्हें अतिरिक्त ईश्वरीय वरदान की शक्ति प्रदान कर दी हो।
सैकड़ों एकड़ में फैले इस आयोजन का मीडिया सेटर भी भव्य है। यहां ना सिर्फ उत्तर प्रदेश या देश की मीडिया बल्कि विश्व भर की मीडिया डेरा डाले है। इसकी व्यवस्था को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए निदेशक सूचना शिशिर जी ने जी जान लगा दी है। बताया जाता है कि शिशिर जी को मांसपेशियों की समस्या के चलते ज्यादा पैदल चलने में पैर में दिक्कत होती है। इसके बावजूद वो मीडिया सेंटर की व्यवस्था और डिजिटल महाकुंभ को सफलता की श्रेष्ठता पर ले जाने के लिए दिनों रात दौड़-भाग कर रहे हैं। इस दौड़-भाग के लिए ही उन्होंने दो पहिए वाहन का भी सहारा लेना शुरू कर दिया है।
महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं ने भी लगाई आस्था की डुबकी, चाक-चौबंद व्यवस्था देख हो रहे गदगद
पौष पूर्णिमा स्नान के साथ धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ मेला सोमवार (13 जनवरी) से शुरू हो गया। महाकुंभ ने प्रयागराज के संगम को आस्था, संस्कृति और मानवता के जीवंत केंद्र में बदल दिया है। पवित्र जल में डुबकी लगाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में विदेश से आए श्रद्धालु भी शामिल थे, जिन्होंने इस दिव्य आयोजन के चमत्कार का अनुभव किया। विदेशी पर्यटकों ने खुद को भाग्यशाली बताया। उन्होंने कहा कि हमें यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें कभी जीवन में इस तरह का अनुभव मिलेगा।
अमेरिकी सेना का हिस्सा रह चुके माइकल अब ‘बाबा मोक्षपुरी’ के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने जूना अखाड़े से जुड़ने की अपनी यात्रा साझा की। उन्होंने पीटीआई से कहा, “मैं एक साधारण व्यक्ति था, जिसका अपना परिवार और करियर था। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है और मैं मोक्ष की तलाश में निकल पड़ा। मैंने अपना जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया।”
माइकल ने कहा, “प्रयागराज में यह मेरा पहला महाकुंभ है। यहां का आध्यात्मिक अहसास असाधारण और बेजोड़ है।” महाकुंभ ने विदेशियों के एक विविध समूह को भी आकर्षित किया है। इसमें इस धार्मिक आयोजन को फिल्माने वाले दक्षिण कोरियाई यूट्यूबर से लेकर परंपराओं की गहरी समझ हासिल करने की ललक रखने वाले जापानी पर्यटक तक शामिल हैं।
स्पेन की क्रिस्टीना ने इस आयोजन की भव्यता पर विस्मय व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह एक अद्भुत पल है। मैं पहली बार इतने भव्य और अलौकिक आयोजन की गवाह बन रही हूं।” एक अन्य विदेशी श्रद्धालु ने संगम में डुबकी लगाकर एक अजब-सा आध्यात्मिक सुकून मिलने की बात कही।
सभी विदेशी आगंतुकों #MahaKumbh2025 में स्वागत है ।#Mahakumbh में पहुंची विदेशी युवतियों ने किया कालभैरवाष्टकम का पाठ ।। pic.twitter.com/O0c6TKL3HE
— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) January 13, 2025
उन्होंने पीटीआई से कहा, “मैं पवित्र जल में डुबकी लगाने का अवसर पाकर कृतज्ञ महसूस कर रही हूं। मुझमें पूर्णता का जो भाव जगा है, उसे मैं शब्दों में नहीं बयां कर सकती।” इटली से आने वाली वेलेरिया ने महाकुंभ के आध्यात्मिक वातावरण को ‘अद्भुत और रोमांचक’ करार दिया। हालांकि, उन्होंने और उनके पति मिखाइल ने ठंडे मौसम के कारण पवित्र जल में डुबकी नहीं लगाई।
मिखाइल ने मजाकिया लहजे में कहा, “मेरी पत्नी ने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने संगम में डुबकी लगाई, तो वह मुझे छोड़ देगी, क्योंकि पानी बहुत ठंडा है!”कपल ने कहा कि ठंड कम होने पर वे एक बार फिर महाकुंभ में आने की कोशिश करेंगे।
A French devotee, visiting the Mahakumbh Mela, shared her profound experience.
— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) January 13, 2025
मोक्ष की तलाश में विदेशी भक्त:- पहली बार महाकुंभ में पहुंचे ब्राजील के योग साधक शिकू ने ‘मोक्ष’ की खोज को अपनी यात्रा का मकसद बताया। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। इस बार 144 वर्षों बाद बना ग्रहों का दुर्लभ संयोग महाकुंभ को और भी खास बनाता है। मैं यहां आकर बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। जय श्रीराम।” फ्रांसीसी पत्रकार मेलानी में इस आयोजन ने एक अप्रत्याशित रोमांच पैदा किया।
#WATCH प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: आज पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 'शाही स्नान' के साथ शुरू हो रहा है।
इस अवसर पर विदेशी श्रद्धालुओं के एक समूह ने भी पवित्र डुबकी लगाई। pic.twitter.com/cqG2LlpQZo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2025
मेलोनी ने पीटीआई से कहा, “जब मैंने भारत की यात्रा की योजना बनाई थी, तब मुझे महाकुंभ के बारे में नहीं पता था। लेकिन एक बार जब मुझे इसके बारे में पता चला, तो मुझे लगा कि मुझे यहां आना ही होगा। साधुओं से मिलना और इस जीवंत मेले को देखना जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव है।” उत्तर प्रदेश सरकार को महाकुंभ में विदेशी आगंतुकों सहित कुल 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।