‘रामगोपाल जी भतीजे को भी बताएं, CBI का शिकंजा कसने वाला कौन था’, राज्यसभा में PM ने अखिलेश को किया आगाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर सीधे हमला किया और कहा, पिछली सरकारें ऑटोपायलट और रिमोट कंट्रोल पर चलती थीं. पीएम के संबोधन के दौरान पहले विपक्षी सांसद ने हंगामा किया, फिर राज्यसभा से वॉकआउट भी किया.

राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा, ऐसे लोग हैं जो ऑटोपायलट और रिमोट पायलट पर सरकार चलाने के आदी हैं. वे काम करने में विश्वास नहीं रखते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया और कांग्रेस समेत विपक्ष को आड़े हाथ लिया. इसके साथ समाजवादी पार्टी को पुराने घटनाक्रम भी याद दिलाए. पीएम मोदी ने सबसे पहले जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप पर पलटवार किया और मुलायम सिंह यादव (दिवंगत) का एक बयान पढ़कर सुनाया और पूछा, रामगोपाल जी (सपा के सांसद) यहां बैठे हैं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या मुलायम जी कभी झूठ बोलते थे क्या? वे कभी झूठ नहीं बोलते थे. यह बात रामगोपाल जी को अपने भतीजे (अखिलेश) को भी बताना चाहिए. रामगोपाल जी को अपने भतीजे को यह भी बताना चाहिए कि राजनीति में एंट्री करते ही सीबीआई का शिकंजा कसने वाला कौन था? पीएम मोदी का इशारा कांग्रेस की तत्कालीन यूपीए सरकार पर था.

भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन के लिए एजेंसियों को खुली छूट

पीएम मोदी का कहना था कि जब आम आदमी तक योजनाएं पहुंचती हैं तब उसका लोकतंत्र में भरोसा बढ़ता है और इसी का परिणाम है कि तीसरी बार यहां बैठा हूं. मैं बिना लाग-लपेट के कह रहा हूं, हमने एजेंसियों को भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दे रखी है. हां, वो ईमानदारी से ईमानदारी के लिए काम करे. कोई भी भ्रष्टाचारी बच नहीं पाएगा, ये मोदी की गारंटी है. पीएम ने पेपर लीक को लेकर कहा, हम चाहते थे कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति ना हो, लेकिन विपक्ष को इसकी आदत है. मैं भारत के युवाओं को आश्वस्त करता हूं कि नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त सजा मिले, इसके लिए एक्शन लिए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, कई आरोप लगाए गए. कुछ आरोप ऐसे हैं जिनका जवाब घटनाएं खुद दे देती हैं. पीएम ने मतदान में दशकों का रिकॉर्ड टूटने का जिक्र किया और जम्मू कश्मीर के लोगों को बधाई दी. पीएम ने कहा, आतंकी घटनाओं में 10 साल में गिरावट आई है. आतंक और अलगाव खत्म हो रहा और इस लड़ाई में जम्मू कश्मीर के नागरिक नेतृत्व कर रहे हैं. आज वहां टूरिज्म नए रिकॉर्ड बना रहा है, निवेश बढ़ रहा है.

पीएम मोदी ने याद दिलाई इमरजेंसी

पीएम मोदी का कहना था कि इमरजेंसी की बात पर कहते हैं. ये पुरानी बात हो गई. आपके पाप पुराने हो जाते हैं क्या? जयप्रकाश नारायण की तबीयत इतनी खराब हो गई कि वे फिर उठ नहीं पाए. ये बहुत सी पार्टियां जो उनके साथ बैठी हैं, इनकी भी अपनी मजबूरियां होंगी. ये अल्पसंख्यक हितैषी होने का दावा करती हैं. इमरजेंसी के दौरान तुर्कमान गेट और मुजफ्फरनगर में क्या हुआ था? बोलने की हिम्मत कर पाएंगी क्या? ये लोग कांग्रेस को क्लीन चिट दे रहे हैं. कई पार्टियां ऐसी हैं, जिन्होंने इमरजेंसी के दौरान धीरे-धीरे जमीन बनाई, वो आज कांग्रेस के साथ हैं. ये कांग्रेस परजीवी है. देश की जनता ने आज भी इनको स्वीकार नहीं किया है. वे देश की जनता का विश्वास हासिल नहीं कर पाए. जोड़-तोड़ कर बचने का रास्ता खोज रहे हैं. फेक नैरेटिव, फेक वीडियो के जरिए देश को भ्रमित करने की इनकी आदत है. ये उच्च सदन है. यहां विकास के विजन पर चर्चा स्वाभाविक है.

अब जेल जा रहे हैं तो साथ तस्वीरें दिखा रहे हैं…

पीएम मोदी ने आगे कहा, ये कांग्रेस वाले बेशर्मी के साथ भ्रष्टाचारी बचाओ आंदोलन चलाने लगे. पहले हमसे पूछ रहे थे कि कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हो. अब जेल जा रहे हैं तो साथ तस्वीरें दिखा रहे हैं. यहां जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए गए हैं. घोटाला करें आप. आप की शिकायत करे कांग्रेस और कार्रवाई हो तो मोदी दोषी. अब ये लोग साथी बन गए हैं. कांग्रेस अब ये बताए कि जो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सबूत बताए थे, क्या वे सबूत झूठे थे. ये ऐसे लोग हैं जिनका दोहरा रवैया है. देश को ये बार-बार याद दिलाना चाहता हूं कि कैसा दोगलापन चल रहा है. ये लोग दिल्ली में एक मंच पर बैठ कर भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए रैलियां करते हैं. इनके ही शहजादे (राहुल गांधी) केरल में अपने ही एक सहयोगी के मुख्यमंत्री को जेल भेजने की बात करते हैं. इसमें भी दोगलापन. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के साथ शराब घोटाला जुड़ा. यही AAP वाले ईडी से जेल भेजने की मांग करते थे. तब इनको ईडी बड़ी प्यारी लगती है.

पीएम ने और क्या-क्या कहा….

– चुनाव नतीजों के बाद मार्केट में तो उछाल है ही, कांग्रेस के साथी भी बड़े खुश हैं. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस खुशी की वजह क्या है. क्या ये हार की हैट्रिक के लिए है, क्या ये खुशी नर्वस नाइंटीज का शिकार होने के लिए है, क्या ये लॉन्च की तीसरी असफल कोशिश के लिए है. खड़गे जी का बड़ा सम्मान करता हूं. पराजय का ठीकरा जिन पर फूटना चाहिए था, उनको इन्होंने बचा लिया और खुद दीवार बनकर खड़े हो गए. ये परिवार बच निकला.
– कांग्रेस की मानसिकता दलित-पिछड़ों की रही है.  स्पीकर चुनाव में हार तय थी, दलित को आगे कर दिया. हार तय थी तो सुशील कुमार शिंदे और मीरा कुमार को आगे कर दिया था. भूल गए 1977 का चुनाव, जब रेडियो-अखबार सब बंद थे. देश की जनता ने हमें जनादेश दिया था. देश जानता है कि संविधान की रक्षा कोई कर सकता है तो हमलोग ही कर सकते हैं.
– जब खड़गे जी ऐसा बोलते हैं तब पीड़ा होती है. संविधान पर जब बुल्डोजर चला दिया गया, करोड़ों लोगों को यातनाएं दी गईं और उनका जीना मुश्किल कर दिया गया था, क्या वो भूल गए. वह कौन सा संविधान था जिसको लेकर आपने सात साल लोकसभा चलाई और सत्ता की मौज लेते रहे, आप हमें संविधान सिखाते हो. दर्जनों आर्टिकल्स को, संविधान की आत्मा को छिन्न-विछिन्न करने का पाप इन लोगों ने किया था. आपके मुंह से संविधान की बात शोभा नहीं देती, आप पाप करके बैठे हुए लोग हो.
– पिछली सरकार में 10 साल क्या हुआ था. ये कैबिनेट में थे खड़गे जी. प्रधानमंत्री संवैधानिक पद है. प्रधानमंत्री के ऊपर एनएससी बैठ जाना, कौन से संविधान में से लाए थे ये पद, कौन सा संविधान अनुमति देता है आपको. वह कौन सा संविधान है जो एक सांसद को कैबिनेट के निर्णय को फाड़ देने का हक दे देता है.
– हमारे देश में लिखित प्रोटोकॉल की व्यवस्था है. कोई मुझे बताए ये कौन सा संविधान था जो संवैधानिक पदों पर बैठेलोग बाद में औरा एक परिवार को प्राथमिकता देता है. आप लोग तो इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया का नारा देकर के जिए हो. आप संविधान को कभी जी नहीं पाए हो. कांग्रेस संविधान की सबसे बड़ी विरोधी है, उसके जेहन में है.

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