अतीक-अशरफ को उकसाया, असद को भड़काया… माफिया की बर्बादी के पीछे गुड्डू मुस्लिम!

लखनऊ। मौत के पहले माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ, गुड्डू मुस्लिम को लेकर सनसनीखेज खुलासा करना चाहता था. यह खुलासा यह था कि असद के एनकाउंटर के पीछे गुड्डू मुस्लिम ही है. गुड्डू मुस्लिम की मुखबिरी पर ही असद का एनकाउंटर हुआ है. यही नहीं जितने भी खुलासे उसके परिवार को लेकर हुए हैं, उसमें सबसे बड़ा हाथ इसी गुड्डू का है.

यह भी महत्वपूर्ण है कि गुड्डू मुस्लिम भी अतीक की तरह बड़ा माफिया डॉन बनने की चाहत रखता है, जिसके लिए उसने देशभर के अलग- अलग माफियाओं से न सिर्फ संबंध बनाए बल्कि इस कोशिश में उसने सारी हदें पार कर दी. यही नहीं उमेश पाल की हत्या को भी वह लीड कर रहा था और असद को भड़काने में भी उसका बहुत बड़ा हाथ है, जिसके बाद अतीक की बर्बादी की पूरी पटकथा तैयार हुई. गुड्डू मुस्लिम की फितरत को जानने वाले तो यही दावा करते हैं.

गुड्डू मुस्लिम ने रची गहरी साजिश

गुड्डू मुस्लिम को जानने वाले दावा करते है कि उमेश पाल को मारने की अतीक के पास कोई वजह नहीं बची थी. असद को भड़काने और इस पूरे हत्याकांड का मास्टरमाइंड अगर कोई रहा तो वह गुड्डू मुस्लिम था, जिसने उमेशपाल की हत्या को लीड किया और ताबड़तोड़ बम फेंक कर दहशत फैला दी और मौत का खुला खेल खेला.

सूत्र तो यहां तक दावा करते हैं कि अतीक और उसके भाई अशरफ की जेल में रहते उनका सारा कारोबार गुड्डू मुस्लिम के हाथ में रहता था और इस दौरान उसने कोयला सप्लाई समेत कई धंधों में गुपचुप तौर पर पैसे भी लगाए थे. इस दौरान वह कई ऐसे माफियाओ के संपर्क में भी रहा, जिसके संबंध अतीक और अशरफ से अच्छे नहीं रहे.

बड़े माफियाओं की सोहबत के लिए अतीक से धोखा

गुड्डू मुस्लिम, अतीक से अलग बड़े बाहुबलियों और माफियाओं से किस कदर और किस हद तक जाकर रिश्ते बनाने की कोशिश करता था. इसके दो उदाहरण हम आपको बताते हैं. बात है 2014 के लोकसभा चुनाव की, उस समय समाजवादी पार्टी ने अतीक को सुल्तानपुर संसदीय सीट से टिकट दिया था. भारी लाव लश्कर के साथ अतीक सुल्तानपुर जनपद में जिस दिन पहुंचा उसी दिन गुड्डू मुस्लिम ने वही से बसपा से चुनाव लड़ रहे पूर्वांचल के बड़े बाहुबली पवन पांडेय से मुलाकात की.

आपको यह भी बता दे कि पवन पांडेय से उसकी यह पहली मुलाकात नहीं थी. उसने पवन पांडेय को चुनाव न लड़ने और  अतीक भाई से बात करने को कहा, जिस पर पवन पांडेय ने बात करने और चुनाव न लड़ने… दोनों से इंकार कर दिया था. इसके पीछे की वजह फोन टेप होने और बात मायावती तक पहुंचने का डर था.

आपको याद होगा उस समय जब पत्रकारों ने अतीक से उनके मुकाबले पवन पांडेय के भी चुनाव लड़ने की बात कही थी तो अतीक ने कहा था कि जितनी उनकी उम्र है उससे ज्यादा हमारे ऊपर मुकदमे हैं. पवन पाण्डेय कहते हैं कि अतीक के बयान की उस समय खूब चर्चा हुई थी. सुल्तानपुर भ्रमण के बाद अतीक चला गया तब भी गुड्डू मुस्लिम सुल्तानपुर रुका रहा और वह अतीक के जाने के बाद फिर पवन पाण्डेय से मिला और कहा- भाई से बात हुई थी और हो सकता है वह यहां से चुनाव न लड़े.

इसके बाद गुड्डू मुस्लिम एक बार फिर पवन पांडेय से मिला और उसने कहा- भाई यहां से चुनाव नहीं लड़ेंगे. वह श्रावस्ती जा रहे हैं चुनाव लड़ने. इसके बाद समाजवादी पार्टी ने सुल्तानपुर के बजाय अतीक को श्रावस्ती से पीस पार्टी के प्रत्याशी रिजवान जहीर के खिलाफ चुनाव में उतार दिया था, लेकिन इसकी जानकारी उसके पहले ही गुड्डू मुस्लिम ने पवन पांडेय को दे दी थी. अतीक के चुनाव प्रचार के दौरान ही गुड्डू मुस्लिम, रिजवान जहीर के लोगों के संपर्क में आ गया था और चुनाव के बाद उसने रिजवान जहीर के साथ भी जुड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने गुड्डू मुस्लिम को कोई भाव नहीं दिया था.

गुड्डू मुस्लिम उर्फ गुड्डू बमबाज का सुल्तानपुर जनपद से गहरा नाता है. वहां के कुरेश समुदाय के लोगों के बीच उसकी गहरी पैठ और पकड़ रही है. यही कारण है कि सुल्तानपुर से अतीक अहमद के टिकट घोषित होने के बाद ही गुड्डू मुस्लिम सुल्तानपुर पहुंच गया था. यही नहीं अतीक के जाने के बाद भी गुड्डू मुस्लिम सुल्तानपुर में कई दिनों तक रुका रहा. इसी दौरान उसने पवन पांडेय से मुलाकात की थी और जब मुलाकात के लिए उनके पास गया था तो उसके साथ दो युवक और थे. यह दोनों सुल्तानपुर के रहने वाले बताए जाते हैं.

आपको बता दें कि गुड्डू मुस्लिम के सुल्तानपुर कई बार जाने की बात भी सामने आती है और उसका ठिकाना कुरेश समुदाय के लोगों के यहां ही रहा. सुल्तानपुर जनपद में कुरेश समुदाय के लोग अधिक संख्या में जहां बसे हैं, उसका लोकेशन कुछ इस तरह का है कि वहां से सीधे गोसाईगंज थाना क्षेत्र होते हुए हाईवे तक पहुंचा जा सकता है. अंबेडकरनगर जनपद की सीमा में भी प्रवेश किया जा सकता है. यही नहीं नदी के रास्ते भी फरार हुआ जा सकता है.