झारखंड में जुमे की नमाज के लिए हाईस्कूल की छुट्टी, इसके पहले हुआ था विधानसभा में कमरा आवंटन, VHP ने कहा- तालिबानीकरण का प्रयास

झारखंड के जामताड़ा में नमाज़ पढ़ने के लिए स्कूल बंद कराने के प्रकरण ने तूल पकड़ लिया है। ये मामला उसी झारखंड का है, जहां के साहिबगंज जिले में अभी कुछ ही दिन पहले एक मौलवी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर प्राणघातक हमला हुआ था।

ध्यान देने योग्य है कि गत शुक्रवार (1 अक्टूबर 2021) को जामताड़ा जिले के करमाटांड़ प्रखंड अंतर्गत बिराजपुर उच्च विद्यालय में नमाज़ पढ़ने के लिए लगाए गए ताले ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। इस घटनाक्रम के बाद विवाद बढ़कर प्रशासन और पुलिस अधिकारियों तक पहुँच गया। विवाद बढ़ता देखकर जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय शंकर ने विद्यालय प्रबंधन समिति को नोटिस भेजकर पूछा है कि ऐसा किस आधार पर किया गया?

विधानसभा परिसर में नमाज़ का कमरा आवंटित करने के सरकार के निर्णय को लेकर झारखंड सरकार पर पहले से ही हमलावर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस प्रकरण को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा ने कहा कि विधानसभा की तरह अब स्कूलों में भी नमाज़ की जगह ना बनाए झारखंड सरकार।

जिस विद्यालय को जुमे की नमाज़ के लिए बन्द किया गया था, वहां अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या बहुसंख्यक छात्रों से अधिक है। शुक्रवार को नमाज पढ़ने के नाम पर बिराजपुर उच्च विद्यालय में ताला लटकाकर बिना किसी शासकीय सहमति के अवकाश घोषित कर दिया गया।

एक दिन बीत जाने के बाद शनिवार (2 अक्टूबर 2021) को पूरे इलाके में नमाज़ का यह विषय वाद-विवाद का केंद्र बन गया और प्रशासन को खुफिया सूचना मिली की इस प्रकरण पर लोगों में आक्रोश फैल रहा है। शनिवार को यह बात गाँव-गाँव तक फैल गई। इसको देखते हुए अब शिक्षा विभाग ने हस्तक्षेप किया है।

गौर करने वाली बात है कि जामताड़ा जिले में लगभग आधा दर्जन उर्दू प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय हैं, जो जुमे अर्थात शुक्रवार को बंद रहते हैं। शुक्रवार के बदले ये स्कूल रविवार को खोले जाते हैं। फिलहाल जुमे अर्थात शुक्रवार को बिराजपुर उच्च विद्यालय में तालाबंदी को लेकर जवाब स्कूल की प्रबंधन समिति से जवाब मांगा गया है लेकिन किसी ठोस कार्रवाई की जानकारी अब तक पुष्टि के साथ नहीं आई है।

झारखण्ड के भाजपा नेता वीरेंद्र मंडल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो इसी जिले से हैं और वो यहाँ के स्कूलों को विधानसभा जैसे हालात ना बनाएँ। मंडल के अनुसार, विधानसभा के अंदर नमाज़ का कमरा बनाने के प्रकरण को समाज ने तुष्टिकरण माना है और अब तुष्टिकरण का वही खेल झारखंड के स्कूलों में खेला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी के साथ भाजपा नेता ने इस प्रकरण के दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा जताई।

इस प्रकरण पर जब ऑपइंडिया ने भारतीय जनता पार्टी के झारखण्ड अध्यक्ष दीपक प्रकाश से बात की तो उन्होंने इस घटनाक्रम को बेहद निंदनीय बताते हुए कहा कि हेमन्त सोरेन सरकार ने तुष्टिकरण की नीति को लागू करने के लिए सभी संवैधानिक मूल्यों की बलि दे दी है। दीपक प्रकाश का ये भी कहना है कि ऐसी घटनाएँ महज एक या दो जिले तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि कामोबेश पूरे झारखण्ड के यही हालात हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इस कृत्य को लोकतंत्र का अपमान बताया।

इसी प्रकरण को विश्व हिंदू परिषद ने तालिबानी कृत्य बताया। VHP पदाधिकारी अनूप राय के अनुसार ऐसा लगता है कि विद्यालय प्रबंधन समिति के लोगों को तालिबानी फरमान पर यकीन है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सुमन दास ने नमाज़ के लिए स्कूल को बंद करने के निर्णय को हैरान कर देने वाला बताया।

इस मामले में जब ऑपइंडिया ने झारखण्ड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर अंकित स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव आदित्य कुमार आनंद के आधिकारिक नम्बर पर सम्पर्क किया, तब उन्होंने रॉन्ग नम्बर बताकर फोन काट दिया। आदित्य का मोबाइल नंबर ना सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट पर संयुक्त सचिव के रूप में दर्ज है, बल्कि ट्रूकॉलर पर भी उनका नाम आदित्य आनंद IAS के रूप में दिख रहा है। इसी वेबसाइट पर दर्ज प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा व साक्षरता राजेश कुमार शर्मा का आधिकारिक लैंडलाइन नम्बर पर फोन करने पर उसे नहीं उठाया गया।

ऑपइंडिया द्वारा स्थानीय स्तर पर जब इस विषय की आधिकारिक जानकारी लेने का प्रयास किया गया, तब जामताडा जिले के DC IAS फ़ैज़ अक अहमद मुमताज़ का आधिकारिक नम्बर सेवा से बाहर मिला और एडिशनल कलेक्टर ने फोन नहीं उठाया। काफी प्रतीक्षा के बाद भी इसमें से किसी भी अधिकारी की भी तरफ से कॉल बैक नहीं आया।

राजनीतिक रूप से जामताड़ा जिला 2 विधानसभा क्षेत्रों में बँटा है, जिनमें पहला नाला और दूसरा जामताड़ा है। जामताड़ा से कॉन्ग्रेस के इरफान अंसारी जीतकर विधानसभा पहुँचे हैं, जबकि नाला विधानसभा से सत्तारूढ़ झामुमो के रवींद्रनाथ महतो ने विजयश्री पाई थी। महतो वर्तमान में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष हैं। इनके ही आदेश पर झारखंड विधानसभा में नमाज का अलग कमरा बनना प्रस्तावित था, जो भाजपा विधायकों के जबरदस्त विरोध के बाद फिलहाल के लिए टल गया है।