अध्यक्ष बदला फिर भी बंगाल में BJP की दिक्कतें बरकरार, पुराने और नए नेताओं के बीच जारी है तकरार

bengal bjp chief changed yet troubles in bengal continue tussle continues between old and new leader

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। पार्टी ने हाल में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन भी किया है, लेकिन नए व पुराने नेताओं के बीच सामंजस्य नहीं हो पा रहा है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस लगातार भाजपा में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है, जिससे भाजपा का तनाव बढ़ा हुआ है।

दरअसल, भाजपा को इस समय सबसे ज्यादा दिक्कत तृणमूल कांग्रेस की तरफ से आ रही हैं, जो लगातार पार्टी को तोड़ने की कोशिश में हैं। भाजपा के कई नेताओं ने तो तृणमूल का दामन थाम लिया है और कई नेता तृणमूल में जाने की फिराक में है। हाल में ही पार्टी की सांसद लॉकेट चटर्जी को लेकर भी ऐसे ही चर्चाएं रहीं। हालांकि लॉकेट चटर्जी ने साफ कर दिया कि भवानीपुर के उपचुनाव में वह इसलिए प्रचार करने नहीं जा सकी क्योंकि उत्तराखंड की सह चुनाव प्रभारी होने के नाते वहां पर व्यस्त रहीं। मंगलवार को भी लॉकेट चटर्जी ने भाजपा मुख्यालय में उत्तराखंड के नेताओं के साथ मुलाकातें व बैठकें की है। गौरतलब है कि भवानीपुर के उप चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव मैदान में है।

सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में भाजपा अभी और बदलाव कर सकती है। पश्चिम बंगाल के संगठन प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय को भी नई जिम्मेदारी दी जा सकती है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ राजनीतिक और अन्य मोर्चों पर भी काफी तैयारी कर रखी है। ऐसे में उनके पश्चिम बंगाल में जाने पर टकराव और ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियों पर भी काफी असर पड़ेगा। पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ बेवजह के विवादों में अपनी ऊर्जा नहीं गंवाना चाहती है। उसकी कोशिश है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर वह जमीनी तैयारी शुरू करें और लोगों के बीच अपनी पैठ को मजबूत करें।