पाकिस्तान से लगी सीमा पर ता​लिबान के हाथ लगा खजाना, चौकी पर कब्जे के बाद मिले 300 करोड़

पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा पर स्थित स्पिन बोल्डाक इलाके में बनी एक सीमा चौकी पर कब्जा करने के बाद तालिबान को वहाँ से 3 अरब पाकिस्तानी रुपए मिले हैं। यह अफगानी सेना का पैसा है, जो चौकी में रखा हुआ था और तालिबान के साथ संघर्ष के दौरान अफगान सेना यह पैसा भी छोड़कर भाग गई।

पाकिस्तान की सीमा पर स्थित कंधार शहर सीमाई व्यापार के लिहाज से अफगानिस्तान का महत्वपूर्ण शहर है। कंधार के ही स्पिन बोल्डाक इलाके में स्थित सीमा चौकी पर तालिबान ने हमला किया, जिसके बाद अफगानी सेना इस चौकी को छोड़कर भाग गई। तालिबान ने यहाँ अफगानी सेना का झंडा हटाकर अपना झंडा लगा दिया है। इसी चौकी से तालिबान को 3 अरब पाकिस्तानी रुपए (लगभग 1.4 अरब रुपए) प्राप्त हुए, जो कथित तौर पर अफगानी सेना को तस्करों से घूस के तौर पर प्राप्त हुए थे।

इस बारे में अफगानिस्तान के तालिबान ने अपना बयान भी जारी किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबान के मुजाहिदों ने कंधार के महत्वपूर्ण सीमाई कस्बे वेश में कब्जा कर लिया है, जिसके साथ ही स्पिन बोल्डाक और चमन के बीच स्थित महत्वपूर्ण सड़क तालिबान के नियंत्रण में आ गई है। इससे कंधार कस्टम विभाग पर भी तालिबानियों का नियंत्रण स्थापित हो गया है। जियो टीवी के अनुसार, पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने भी सीमा क्षेत्रों में तालिबान का नियंत्रण होने की पुष्टि की है।

तालिबान द्वारा लगातार यह दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान में लगभग 85% क्षेत्र अब तालिबान के कब्जे में आ चुका है। इसी के साथ अब तालिबान सीमाई क्षेत्रों में भी कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, जिससे व्यापारिक मार्गों से होने वाली कमाई पर भी उसका आधिपत्य स्थापित हो सके।

ज्ञात हो कि अफगानिस्तान से अमेरिका ने जब से वापस जाने का फैसला किया है, तब से वहाँ संकट और भी गहरा होता जा रहा है। पिछले कुछ महीनों से अफगानिस्तान से जारी अमेरिकी सैनिकों के पलायन के साथ ही तालिबान और अफगानी सेना के बीच संघर्ष बढ़ गया है। हाल ही में तालिबानी कट्टरपंथियों द्वारा 22 अफगानी सेना के कमांडो को क्रूरता से मारने की खबर आई थी, जिसका वीडियो भी सामने आया था। घटना उत्तरी फरयाब प्रांत के दौलताबाद की है जहाँ अफगानी सेना के जवानों ने तालिबान के सामने आत्म-समर्पण कर दिया था और वो निहत्थे थे, लेकिन आतंकियों ने उनकी एक न सुनी। इसके बाद उन्होंने ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाते हुए सभी को मार डाला।