राज्यपाल जगदीप धनखड़ बोले- ज्वालामुखी पर बैठा है बंगाल, घर छोड़ने पर मजबूर हुए लोग

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जहां हिंसा की घटनाओं से माहौल बिगड़ा हुआ है, तो वहीं कोरोना संकट से भी यहां के लोग जूझ रहे हैं. ऐसे राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि ऐसा समय चल रहा है, जब हमें सो नहीं सकते हैं. राज्य के लिए इतनी बड़ी चुनौती भरा समय है, जहां हम एक ज्वालामुखी पर बैठे हुए हैं. लोग अपने अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं, उन्हें हत्या, बालात्कार हर तरह से अपमानित किया जा रहा है.

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरी गंभीरता से स्थिति पर ध्यान देंगी और सभी संबंधितों को पुनर्वास, विश्वास निर्माण, मुआवजे और सुरक्षित करने के लिए निर्देशित करेंगी, जिससे सभी एकजुट होकर रह सकें और विभाजन कारी ताकतें अपने मंसूबों में किसी भी कीमत पर कामयाब न हों.

राज्यपाल ने ने कहा कि राज्य एक ओर जहां कोरोना महामारी की संकट भरी घड़ी से गुजर रहा हैा, तो वहीं चुनाव के बाद शुरू हुई प्रतिशोधात्मक हिंसा से भी जूझ रहा है.

चुनाव बाद ऐसी हिंसा, नहीं सुनी पहले
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि चुनाव के बाद ऐसी हिसां के बारे में कभी नहीं सुना. उन्होने कहा ये समय बेहद ही गंभीर है. लाखों लोग पीड़ित हैं, ऐसे में सीएम ममता बनर्जी से अपील करता हूं, कि वे समय रहते इन हालातों पर काबू पाने के लिए प्रयास करें. बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद राज्य में सबकुछ सही नहीं है. यहां हो रहीं हिंसक घटनाओं से लोग दहशत में हैं, तो वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले भी सामने आए हैं, जिनका आरोपी टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगाया गया है.

नंदीग्राम जाएंगे राज्यपाल
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा से प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे राज्यपाल कल नंदीग्राम जाएंगे. इससे पहले वे कूच बिहार दौरे पर गए थे. बता दें मतदान के बाद नंदीग्राम के कई हिस्सों में हिंसक घटनाएं हुईं. बीजेपी कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ के साथ ही मारपीट के मामले भी सामने आए. एक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत भी हो गई. राज्यपाल शनिवार को हरिपुर के हेलीपैड पर उतरने के बाद केंदमारी, चिल्लाग्राम समेत विभिन्न जगहों का दौरा करेंगे. इसके साथ ही राज्यपाल नंदीग्राम के जानकीनाथ मंदिर में पूजा करेंगे. करीब 2 घंटे नंदीग्राम में रहने के बाद वह हरिपुर के हेलीपैड मैदान से कोलकाता के लिए रवाना होंगे.

‘क्या प्रजातंत्र में वोट की सजा मौत है’: असम में बंगाल के गवर्नर को देख फूट-फूट रोए पीड़ित, पाँव से लिपट महिलाओं ने सुनाई पीड़ा

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद भड़की हिंसा के पीड़ितों का हाल जानने के लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर हैं। उन्होंने गुरुवार को कूच बिहार के हिंसा प्रभावित इलाकों का जायजा लिया था। शुक्रवार को (मई 14, 2021) वे पड़ोसी राज्य असम पहुँचे। हिंसा के बाद घर छोड़ने को मजबूर बंगाल के सैकड़ों नागरिकों ने असम के राहत शिविरों में शरण ले रखी है।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रणपगली में बने कैंप में पीड़ितों से मुलाकात की। जहाँ कई लोगों ने उन्हें अपना दर्द बताया। इस दौरान कई महिलाएँ इतनी भावुक हो गईं कि वे राज्यपाल के पाँव से लिपट फूट-फूट कर रोने लगीं। एक बुजुर्ग उनसे लिपट कर रोने लगीं। इसके बाद राज्यपाल कोकराझार के श्रीरामपुर कैंप में गए। दोनों ही जगह बंगाल से सटी हुई हैं।

पीड़तों से हुई इस मुलाकात के बाद राज्यपाल ने अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा, “लोगों के घर किस तरह से बर्बाद हुए, व्यापारी संस्थानों का क्या हाल किया गया है। ये सब एक ही कारण से किया गया कि दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र में आपने इतनी बड़ी हिमाकत क्यों कर ली कि अपनी मर्जी से वोट दे रहे हो। क्या प्रजातंत्र में वोट देने की सजा मौत है।”

बता दें कि गुरुवार को राज्यपाल ने बंगाल में मायाभांगा, सीतलकूची, सिताई और दीनहाट का दौरा किया था। इस दौरान वह पीड़ितों से उनके परिजनों से मिले। हालाँकि, बीच में कई जगह उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ा। जैसे-सीतलकूची में जब वह पहुँचे तो उन्हें वहाँ काले झंडे दिखाए। इसके अलावा कूचबिहार जिले के दीनहाटा में भी वापस जाने के लिए नारेबाजी हुई। यहाँ तो दर्जन भर लोगों ने पोस्टर लेकर नारा दिया, “भाजपा के राज्यपाल वापस जाओ।”

जगदीप धनखड़ ने सारा नजारा देखकर कहा, “मैं हैरान हूँ कि, विधि का शासन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था कि ऐसा कुछ हो सकता है।” इसके बाद पुलिस ने सभी लोगों को मौके से भगाया। बाद में राज्यपाल ने हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात करने के बाद कहा, “मैंने लोगों की आँखों में डर देखा है और थाने जाकर शिकायत करने से भी डर रहे हैं।”

उन्होंने पीड़ितों का हाल देख कहा,  “घर लूट लिए गए हैं, बेटी के ब्याह के लिए रखे गए गहने, श्राद्ध के लिए रखे बर्तन और अन्य चीजें भी लूट ली गई हैं।” उन्होंने रास्ते में जगह-जगह हुए विरोध को देख कहा, “मैं किसी भी परिस्थिति में बिना किसी रुकावट और विचलित हुए बिना अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करूँगा।”

उल्लेखनीय है कि बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की मुखिया ममता बनर्जी ने राज्यपाल के दौरों को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने राज्यपाल पर राजनैतिक मर्यादाओं के उल्लंघन का आरोप लगाया था। गवर्नर के कूच बिहार दौरे को लेकर भी उन्होंने कहा था कि यह नियमों का उल्लंघन है। राज्यपाल अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

उससे पहले 10 मई को धनखड़ ने कहा था कि राज्य के हालात बेहद चिंताजनक हैं। राजनीतिक बदले की हिंसा, आगजनी, लूट की घटनाएँ डराने-धमकाने और जबरन वसूली तक पहुँच गई है। उन्होंने प्रभावित इलाकों में जाने की जानकारी देते हुए कहा था कि इसमें राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही। उन्होंने कहा था, “अपने संवैधानिक दायित्वों के तहत मैंने प्रभावित इलाकों का दौरा करने का फैसला किया है। इस संबंध में राज्य सरकार से आवश्यक इंतजाम करने को कहे। लेकिन, राज्य सरकार की प्रतिक्रिया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी।”

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में दो मई को टीएमसी की जीत सुनिश्चित होते ही हिंसा भड़क उठी थी। विपक्षी दलों खासकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं, उनके घरों और दफ्तरों को निशाना बनाया गया था। हिंसा का आरोप सत्ताधारी टीएमसी के गुंडों पर हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पिछले दिनों राजनीतिक हिंसा में अलग-अलग दलों के 16 लोगों की मौत की बात स्वीकार की थी।