महाराष्ट्र में एक एम्बुलेंस में ठूँसकर श्मशान भेजे गए 22 कोरोना मरीजों के शव: तस्वीरें देखकर भड़के लोग, पुलिस ने छिना मोबाइल

महाराष्ट्र में कोरोना का कहर जारी है। इसी बीच बीड से एक अमानवीय तस्वीर सामने आई है। यहाँ एक एंबुलेंस में 22 शवों को एक दूसरे के ऊपर रखकर श्मशान लाया गया और फिर एक चिता पर 2 से 3 लाशों को रखकर अंतिम संस्कार किया गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिला प्रशासन ने दलील है कि उसके पास एंबुलेंस नहीं है। इसलिए बीड जिले के अंबाजोगाई में स्वामी रामानंद तीर्थ अस्पताल में कोरोना से मरने वाले 22 मरीजों के शवों को रविवार (25 अप्रैल 2021) को एक ही एंबुलेंस में भरकर श्मशान में ले जाया गया।

अस्पताल प्रशासन ने कहा कि पिछले साल कोविड-19 के पहले दौर में उनके पास 5 एंबुलेंस थीं। उनमें से 3 को बाद में वापस ले लिया गया और अब अस्पताल में दो ही एंबुलेंस बची हैं, जिसमें कोरोना मरीजों को लाया और ले जाया जाता है। वहीं मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर शिवाजी शुक्रे ने कहा, ”अस्पताल प्रशासन के पास पर्याप्त एंबुलेंस नहीं होने के कारण ऐसा हुआ है।”

अस्पताल ने दी सफाई, हमने एंबुलेंस मुहैया कराने के लिए लिखा था पत्र

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ”कभी-कभी, मृतकों के संबंधियों को ढूँढने में समय लग जाता है। लोखंडी सवारगाँव के कोविड-19 केंद्र से भी शवों को हमारे अस्पताल में भेजा जा रहा है, क्योंकि उनके पास कोल्ड स्टोरेज नहीं है।” उन्होंने कहा कि तीन और एंबुलेंस मुहैया कराने के लिए हमने 17 मार्च को जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा था।

उन्होंने आगे कहा, ”अव्यवस्था से बचने के लिये हमने अंबाजोगाई नगर परिषद को पत्र भी लिखा था कि सुबह 8 से बजे से रात 10 बजे तक अंतिम संस्कार कराए जाएँ और अस्पताल वार्ड से ही शवों को श्मशान भेजा जाए।”

इस मामले पर बीड के जिला कलेक्टर रवींद्र जगताप ने कहा किया, “मैंने अंबाजोगाई एडिशनल कलेक्टर को मामले की जाँच करने का आदेश दिया है। हम दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।”

अंबाजोगाई नगर परिषद के मुख्य अधिकारी अशोक साबले का कहना है कि शवों को मांडवा रोड पर स्थित श्मशान (कोविड-19 मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए तय श्मशान) में ले जाना मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी है। इस बीच, भाजपा नगर पार्षद सुरेश ढास ने आरोप लगाया कि अस्पताल और स्थानीय नगर निकाय एक दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं। इस अमानवीय तस्वीर के सामने आने के बाद लोगों में काफी गुस्सा है।

बताया जा रहा है कि जब एक मृतक के दो रिश्तेदार एंबुलेंस की वीडियो बना रहे थे और बोरियों में बंद शवों की तस्वीरें ले रहे थे, तभी पुलिस ने उनके फोन जब्त कर लिए। उन्होंने कहा कि शवों के अंतिम संस्कार के बाद ही आपके फोन वापस किए जाएँगे। सोशल मीडिया पर इस घटना के फैलने के बाद एक टीम को बीड जिला प्रशासन द्वारा तुरंत अंबाजोगाई भेजा गया।

बता दें कि बीड जिले में कोरोना मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। अंबाजोगाई में स्थिति गंभीर है। 27 अप्रैल तक महाराष्ट्र में कोरोना के कुल 67,6647 एक्टिव मामले और कुल 65,284 मौतें हुई हैं।