महाराष्ट्र: गृह मंत्री पद से नहीं हटाएं जाएंगे अनिल देशमुख, पवार के घर बैठक में फैसला

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी सियासी हलचल के बीच रविवार को दिल्ली में एनसीपी चीफ शरद पवार के आवास पर अघाड़ी गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस की ओर से कमलनाथ शामिल हुए. इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने शरद पवार से मुलाकात की. शरद पवार के घर हुई बैठक के बाद जयंत पाटील ने कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई होगी. एटीएस और एनआईए जांच कर रही है.

जयंत पाटील ने कहा कि राज्य सरकार अच्छे तरीके से जांच करेगी, कोई भी अधिकारी चाहे कितना भी बड़ा क्यों ना हो. ये सरकार का निश्चय है. इस पत्र से जांच को विचलित करने का प्रयास किया गया है. फिलहाल अनिल देशमुख के इस्तीफे की जरूरत नहीं है.

बता दें कि शरद पवार के आवास पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार मौजूद थे. इसके अलावा प्रफुल्ल पटेल और जयंत पाटील सरीखे महाराष्ट्र के बड़े नेता भी इस बैठक में मौजूद रहे. महाराष्ट्र की सियासत को लेकर पवार के आवास पर हुई  यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली. बैठक के बाद जयंत पाटील ने कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की जरूरत नहीं है.

गौरतलब है कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली के आरोपों के बाद अघाड़ी सरकार में हलचल तेज है. ऐसे में एनसीपी चीफ संग गठबंधन के नेताओं की बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है.

इस बीच पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो ने कहा है कि वह गृह मंत्री अनिल देशमुख और परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की कोई जांच नहीं करेंगे. वहीं, महाराष्ट्र एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मनसुख हिरेन हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है. यह केस उनके करियर का सबसे मुश्किल केस था.

इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई कि अनिल देशमुख को गृह मंत्री के पद से हटाकर, उनकी जगह दिलीप वाल्से को ये पद सौंपा जा सकता है. दिलीप वाल्से अभी उद्धव सरकार में लेबर और एक्साइज मिनिस्टर के पद पर हैं. यानी कि वाल्से महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री हो सकते हैं. हालांकि, पार्टी या सरकार की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है.

वहीं, रविवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली वाले आरोप को गंभीर बताया. लेकिन यह भी कहा कि इस संबंध में जांच के बाद ही सीएम कोई फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि इस आरोप की वजह से सरकार की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पवार ने कहा है कि सचिन वाजे की बहाली सीएम उद्धव ने नहीं बल्कि पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने की थी.

दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों ने महाराष्ट्र में सियासी हलचल बढ़ा दी है. बीजेपी लगातार उद्धव सरकार पर हमलावर है और  गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रही है. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि परमबीर सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे किसी भी कीमत पर अपने सरकार बचाना चाहते हैं. फडणवीस ने कहा कि अनिल देशमुख को गृह मंत्री के पद से हटाना ही होगा.