राजस्थान: FIR दर्ज कराने गई थी महिला, सब-इंस्पेक्टर ने थाना परिसर में ही 3 दिन तक किया रेप

अलवर। राजस्थान के अलवर से बलात्कार की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। रेप का आरोप एक पुलिस अधिकारी पर ही लगा है। मिली जानकारी के मुताबिक एक महिला खड़ेली थाना में अपने पति के खिलाफ FIR लिखवाने गई थी। वहाँ तैनात सब-इंस्पेक्टर ने थाना परिसर में ही उसके साथ रेप किया।

इस वारदात के सामने आने के बाद जयपुर रेंज के आईजी और अलवर के पुलिस अधीक्षक ने थाने पहुँच कर स्थिति का जायजा लिया और पूरे मामले की जानकारी ली। असल में 26 वर्षीय पीड़िता का अपने पति के साथ विवाद चल रहा है, जिसे लेकर वो 2 मार्च 2021 को अपने पति के खिलाफ FIR दर्ज करवाने खेड़ली थाना पहुँची थीं। आरोप है कि खेड़ली थाने में तैनात सेकेंड ऑफिसर भरत सिंह ने पीड़िता को पति से विवाद के निपटारे का झाँसा दिया।

पीड़िता का आरोप है कि इसके बाद वो थाना परिसर में ही बने आवास में पीड़िता को लेकर गया और वहाँ उसके साथ रेप किया। महिला का आरोप है कि सब-इंस्पेक्टर इतने पर ही नहीं रुके। उसने अगले दो दिन भी पीड़िता को बुलाया और उसके साथ रेप किया। पीड़िता जब भी थाने में उक्त SI के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने पहुँचती थी तो पुलिस टालमटोल करती थी और उसे भगा देती थी। इस कारण वो मामला नहीं दर्ज करा पा रही थी।

आरोपित SI की उम्र 54 साल है। महिला का पति उसे तलाक देना चाहता था, जिसके बाद वो फ़रियाद लेकर थाने पहुँची थी। उसने वादा किया था कि वो उसके पति के साथ मामला सेटल करा देगा। 5 दिन पूर्व अरावली विहार थाने में पोस्टेड एएसआई रामजीत गुर्जर के खिलाफ भी एक महिला ने रेप का मामला दर्ज कराया था। उसे लाइन हाजिर तो किया गया है, लेकिन अब तक गिरफ़्तारी की कार्रवाई नहीं हुई है।

पीड़िता ने पुलिस पर इस मामले को छिपाने के आरोप लगाया है। जयपुर रेंज के आईजी हवा सिंह घुमारिया और पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम रविवार को खेड़ली थाने पहुँचे और पूरे मामले की शुरुआती जाँच के बाद FIR दर्ज की गई। आरोपित पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालाँकि, अब तक निलंबन की कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़िता ने राजस्थान सरकार से न्याय की माँग की है।

2019 में राजस्थान के चुरु जिले में एम दलित युवक की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले में भी पुलिस पर रेप के आरोप लगे थे। मृतक की 35 वर्षीय भाभी और परिजनों ने आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था।

पीड़िता के पति ने कहा था, “30 जून को चोरी के एक केस में पुलिस मेरे 22 वर्षीय भाई को पकड़ कर ले गई। 3 जुलाई को पुलिस उसे वापस घर ले आई मगर उसी दिन फिर से उठाकर ले गई। पुलिस मेरी पत्नी को भी साथ ले गई। बाद में 6-7 जुलाई की रात पुलिस ने मेरे भाई पर खूब अत्याचार किए और उसकी हत्या कर दी। मेरी पत्नी जो इस अत्याचार की गवाह थी, उसके साथ पुलिस ने गैंगरेप किया। उसके नाखून उखाड़ दिए। उसकी आँखों और उंगलियों को चोट पहुँचाई।”