बोस पर बयान से भड़की कांग्रेस का पलटवार, कहा- पीएम मोदी पढ़ाते हैं उल्टा इतिहास

नई दिल्ली। कांग्रेस ने पीएम मोदी के सुबह लाल किले से पार्टी पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह झूठा ठहराया. पार्टी  के सांसद और प्रवक्ता डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी ने आज ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के हेडक्वार्टर में एक कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बीजेपी आजादी के आंदोलन की विरासत को हथियाना चाहती है.

कांग्रेस ने मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री उच्च संवैधानिक पद पर आकर 24 घंटे राजनीति की बात करते हैं और आरोप लगाते हैं. क्या लाल किले से प्रधानमंत्री को ये सब करना शोभा देता है? बोस और पटेल को राजनीति में लेकर आना क्या सही है?

कांग्रेस ने मोदी को घेरते हुए कहा कि जैसे बिन पानी के मछली तड़पती है वैसे ही विरासत विहीन बीजेपी विरासत हथियाने के लिए तड़प रही है. भाजपा जल बिन मछली की तरह तड़पकर बार-बार आजादी के आंदोलन की विरासत को हथियाने के लिए कोशिश करती रहती है.

कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक, बीजेपी-संघ की विचारधारा और नेताजी की विचारधारा काफी अलग थी. नेताजी कांग्रेस अध्यक्ष रहे. आजादी के बाद पहले भाषण में नेहरू जी ने नेताजी को याद किया. नेहरू ने आजाद हिंद फौज के सदस्यों के लिए अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ी न कि किसी आरएसएस के सदस्य ने.

सिंघवी ने कॉन्फ्रेंस में ये भी कहा कि नेताजी ने NPC नेशनल प्लानिंग कमेटी बनाई थी, जिसे बाद में नेशनल प्लानिंग कमीशन बनाया गया. मोदी सरकार ने उसे ध्वस्त कर नीति आयोग का गठन किया और अब आडंबर कर रहे हैं.

सिंघवी ने आगे कहा कि कांग्रेस सरकारों ने नेताजी की विरासत को संजोया. नेताजी ने साम्प्रदायिक संगठनों जैसे हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग के खिलाफ लेख लिखे थे. जब नेताजी आंदोलन कर रहे थे, तब सावरकर अभियान चला रहे थे कि ब्रिटिश सेना में भर्ती होनी चाहिए. वही ब्रिटिश सेना जो INA से लड़ रही थी.

सिंघवी ने मोदी के आरोपों का खंडन किया और बोले कि गांधी जी को नेताजी ने ही राष्ट्रपिता कहा था. जबकि, अब कोशिश ये हो रही है कि इतिहास में गांधी-बोस में या नेहरू-बोस में वैमनस्य होने की बात लिखे जाने की कोशिश की जा रही है.

साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इतिहास का ज्ञान नहीं है. इस शुभ अवसर पर राजनीति से बाज नहीं आते बल्कि उल्टा इतिहास पढ़ाते हैं.

दरअसल नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित आजाद हिंद फौज सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर पीएम ने नेताजी के बहाने पूर्व की कांग्रेस सरकारों को कठघरे में खड़ा किया. पीएम ने कहा कि इस देश में एक परिवार को बड़ा साबित करने के लिए भारत मां के कई सपूतों को भुलाया गया.

पीएम मोदी ने नेताजी के योगदान को याद करते हुए कहा, “ये दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों…फिर वो वो चाहे सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, या फिर नेताजी…राष्ट्र निर्माण में इनके योगदान को भुलाने की को कोशिश की गई.”

पीएम ने कहा कि ये उनके लिए सौभाग्य की बात है कि देश के लिए सुभाष बाबू ने जो किया, उसे देश के सामने रखने का, उनके बताये कदमों पर चलने का मौका उन्हें मिल रहा हैं, ये उनके लिए सौभाग्य की बात है.

पीएम ने कहा कि आजादी के बाद अगर देश को सुभाष चंद्र बोस और सरदार पटेल जैसी शख्सियतों का नेतृत्व मिला होता तो देश की परिस्थितियां आज अलग होतीं.

उन्होंने दुख जताया और कहा “आज मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता, भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता, तो हालात अलग होते.”

पीएम मोदी ने कहा कि इसकी वजह से भारत की परंपरा, भारतीय संस्कृति, हमारी पाठ्य पुस्तकों की अनदेखी हुई.

पीएम ने कहा कि सुभाष बाबू ने कैम्ब्रिज के अपने दिनों को याद करते हुए लिखा था, “हम भारतीयों को ये सिखाया जाता है कि यूरोप, ग्रेट ब्रिटेन का ही बड़ा स्वरूप है, इसलिए हमारी आदत यूरोप को इंग्लैंड के चश्मे से देखने की हो गई है.” पीएम ने कहा कि उन्हें खुशी है कि देश अब नेताजी के दिखाये रास्ते पर चल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का संतुलित विकास, प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण का मौका, राष्ट्र की प्रगति में उनकी भूमिका, नेताजी के वृहद विजन का हिस्सा थी.”

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