SC के फैसले से पहले अयोध्या छावनी में तब्दील, UP में तत्काल प्रभाव से धारा 144 लागू

लखनऊ। अयोध्या (Ayodhya Verdict) पर शनिवार सुबह साढ़े दस बजे आने वाले फैसले के चलते देशभर में अलर्ट (Alert) है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया है. हर जिले में भारी पुलिस फोर्स तैनात है. केंद्र ने उत्तर प्रदेश की मदद के लिए चार हजार अर्धसैनिक बल भेजे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने 40 कंपनी अतिरिक्त सुरक्षा बल उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराए हैं. उत्तर प्रदेश में तत्काल प्रभाव से धारा 144 लागू कर दी गई है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर आदि संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती है. शासन के निर्देश पर कमिश्नर और डीआईजी को संवेदनशील क्षेत्रों में नाइट कैंप करने को कहा गया है. अयोध्या की तरफ जाने वाले रास्तों को सील कर दिया गया है. अयोध्या पर सुरक्षा व्यवस्था ऐसी है कि परिंदा भी न पर मार सके.

अयोध्या विवाद पर फैसले और परिक्रमा को देखते हुए अयोध्या नगरी की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है. रेलवे और बस स्टेशनों पर यात्रियों की लगातार जांच पड़ताल की जा रही है. अयोध्या पर फैसला आने और आतंकी साजिश के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. होटलों और धर्मशालाओं में मौजूद लोगों के पते और पहचान की जांच की जा रही है.

यूपी के सभी स्कूल, कॉलेज 11 तक बंद
अयोध्या के फैसले को देखते उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संसस्थान और प्रशिक्षण केंद्रों को 9 से 11 नवंबर तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट शनिवार को फैसला सुनाएगा, और मामले को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी करने के सख्त निर्देश दिए हैं. हालांकि इससे पहले ही अयोध्या में 10 दिसंबर तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है. इसके अलावा मथुरा और काशी समेत उत्तर प्रदेश के सभी संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

फैसले को जीत-हार से न जोड़ें : प्रधानमंत्री
अयोध्या पर फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से सद्भावना की महान परंपरा को मजबूत करने की अपील की है. प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा. देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *