अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा के पिछले चुनाव के वक्त कांग्रेस से अलग हुए गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने मंगलवार को फिर राजनीति मे सक्रिय होने की तरफ इशारा किया. गांधीनगर स्थित निवास वसंत वगडा से पत्रकार परिषद कर शंकर सिंह वाघेला ने केन्द्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया और कहा की चार साल मे मोदी सरकार ने वादे नहीं निभाये. राजनीति मे सक्रिय होने के आसार देते उन्होनें कहा की वह केन्द्र की भाजपा सरकार के सामने खडे होंगे.
शंकर सिंह वाघेला ने कहा, ‘मैं किसी भी पार्टी मे जानेवाला नहीं हूं लेकिन बीजेपी के सामने जो राजकीय पार्टी लड़ रही है उनको मैं मदद करूंगा. मुझे सत्ता का कोइ मोह नहीं है. भाजपा सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है. भाजपा के सामने जो गठबंधन खडा होगा मैं उसमे रहूंगा.’
गौरतलब है कि शंकर सिंह वाघेला ने गुजरात में अपनी राजनीति जनसंघ से शुरू की थी. बाद में भाजपा छोड़कर उन्होंने अपनी पार्टी बनाई और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए. यूपीए 1 में वह केंद्र में मंत्री भी रहे. पिछली विधानसभा में कांग्रेस में रहते हुए वह नेता विपक्ष के पद पर रहे थे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी.
शंकर सिंह वाघेला
35 साल पहले पहली बार चुनाव जीते. बीजेपी से बगावत कर गुजरात के मुख्यमंत्री बने. उसके बाद लगभग दो दशकों तक कांग्रेस के साथ सियासी सफर करने के बार अबकी अगस्त में गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी. इनके साथ कई विधायकों ने पार्टी छोड़ दी. इस बगावत के चलते सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल बड़ी मुश्किल से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. चुनाव से पहले वाघेला ने जन विकल्प मोर्चा का गठन किया. इस पार्टी ने 100 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा लेकिन वाघेला खुद मैदान में नहीं उतरे और न ही कोई चुनावी रैली की.