नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) को लेकर आचार संहिता लागू होने के बाद राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पक्ष में बयान देकर फंस गए हैं. सूत्रों का कहना है कि निर्वाचन आयोग ने कल्याण सिंह के बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना है. चुनाव आयोग ने कहा है कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने संबंधी बयान देकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है. आयोग ने इस मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है और इसके निष्कर्ष से राष्ट्रपति को जल्द ही अवगत कराया जाएगा.
राष्ट्रपति पूरे मामले से कराया जाएगा अवगत
आयोग के सूत्रों ने मंगलवार को इस मामले में की गयी जांच पूरी होने की पुष्टि करते हुए बताया कि सिंह संवैधानिक पद पर आसीन हैं इसलिये आयोग अपनी जांच रिपोर्ट से राष्ट्रपति को पत्र लिख कर अवगत करायेगा.
उल्लेखनीय है कि कल्याण सिंह ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं से लोकसभा चुनाव में भाजपा को जिताने की अपील की थी. आयोग ने इसे आचार संहिता लागू रहने के दौरान संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का राजनीतिक बयान माना है. सिंह ने अपने कथित बयान में कहा था, ‘हम सभी लोग भाजपा के कार्यकर्ता हैं. मोदी जी दुबारा प्रधानमंत्री बनें.’
अलीगढ़ के डीएम से मांगी थी रिपोर्ट
आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए अलीगढ़ के ज़िलाधिकारी से मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. इसकी जांच में सिंह के ख़िलाफ़ आरोप की पुष्टि हुई है. इससे पहले 1990 में हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल गुलशेर अहमद द्वारा बेटे के लिये प्रचार करने पर आयोग ने नाराजगी जतायी थी. बाद में अहमद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.