लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं. नामांकन भरे जाने के दौरान उन्होंने अपने हलफनामे में अपनी सारी संपत्तियों की जानकारी दी है. मुलायम सिंह के पास कुल 16.52 करोड़ रुपये की चल-अचल सम्पत्ति है. वहीं उनकी पत्नी साधना यादव के पास 5 करोड़ 06 लाख 86 हजार 842 रुपये की संपत्ति है. जिसमें साढ़े सात किलो सोने के गहने भी शामिल हैं. जिनकी वर्तमान कीमत दो करोड़, 41 लाख रुपये बताई है.
बेटे अखिलेश के कर्जदार हैं मुलायम सिंह
इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश के कर्ज भी लिया हुआ है. उन्होंने अखिलेश से 2 करोड़ 13 लाख 80 हजार रुपये कर्ज ये बात मुलायम ने नामांकन के दौरान दाखिल अपने हलफनामे में इसका भी जिक्र है.
कुल आय आय और चल संपत्ति
मुलायम के पास 1 करोड़ 36 लाख 65 हजार 853 रुपये और उनकी पत्नी साधना यादव के पास 2 करोड़ 97 लाख 65 हजार 742 रुपये की चल संपत्ति है.शपथ पत्र में मुलायम के पास 16 करोड़ 52 लाख 44 हजार 300 रुपये की चल और अचल संपत्ति का जानकारी दी गई है. शपथ पत्र में मुलायम सिंह ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में 32 लाख 02 हजार 615 रुपये की कुल आय बताई है. वहीं पत्नी की आय 25 लाख 61 हजार 170 रुपये होना बताया है.
अचल सम्पत्ति
अचल सम्पत्ति के रूप में मुलायम सिंह के पास 1 करोड़ 36 लाख 65 हजार 853 रुपये हैं और उनकी पत्नी साधना यादव के पास 2 करोड़ 97 लाख 65 हजार 742 रुपये की अचल सम्पत्ति है.
बैंक खाते और नकद
मुलायम के पास 16 लाख 17 हजार 266 रुपये की नकदी है. मुलायम के पास पांच बैंक खाते हैं जिसमें से इटावा की बैंक ऑफ बड़ौदा में तीन एक खाता स्टेट बैंक दिल्ली और एक खाता लखनऊ में है. मुलायम ने 9,47,298 रुपए की पॉलिसी भी ले रखी है.
गाड़ियों की संख्या
शपथ पत्र में मुलायम सिंह यादव के पास कोई गाड़ी नहीं है जबकि उनकी पत्नी के पास दो कारें हैं.
आवासीय भवन
मुलायम सिंह यादव के पास सैफई में पैतृक मकान के अलावा इटावा में भी एक बंगला है. इटावा में बना हुआ बंगला 16 हजार वर्ग फुट में फैला हुआ है. इसकी मौजूदा कीमत छह करोड़ रुपये से अधिक है. इसके अलावा उनकी पत्नी साधना यादव के पास लखनऊ में भी बंगला है. जिसकी कीमत 70 लाख, 94 हजार रुपये है. इसके अलावा कई जमीनें भी हैं.
बता दें कि मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर बेहद लंबा रहा है. 1967 में पहली बार मुलायम सिंह यादव ने विधायक का कार्यभार संभाला और उसके बाद वो 7 बार विधायक रहे. उसके बाद वो आबादी के लिहाज से सबसे बड़े प्रदेश यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे. यूपी के मुख्यमंत्री के अलावा वो 1996 से 1998 तक केंद्र सरकार में रक्षामंत्री भी रहे हैं.