नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सवर्ण क्रांति अब सफलता से महज एक कदम दूर है। सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला बिल आज राज्यसभा में पेश होगा। हालांकि विपक्ष के जबर्दस्त हंगामे के चलते राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बिल राज्यसभा में पास होगा या फेल इसका फैसला आज हो जाएगा लेकिन मंगलवार का दिन आजाद भारत में ऐतिहासिक दिन बन गया। लोकसभा में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने वाला बिल पास हो गया। 124वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने बहुमत से पास कर दिया। 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण वाले बिल को 323 वोट मिले जबकि महज 3 सांसदों ने विरोध में मतदान किया।
बिल आज दोपहर दो बजे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। सरकार को राज्यसभा में भी बिल के पास होने की उम्मीद है। यही नहीं बिल को राज्यों में भेजने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी। कांग्रेस आदि कुछ दलों ने बिल को जल्दबाजी में की गई कवायद बताया हालांकि आम चुनाव सामने देख विरोध करने से बचे। कांग्रेस ने बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजे जाने की मांग की। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिल को लेकर उठाई जा रही आशंकाओं का जवाब देते हुए भरोसा जताया कि यह कोर्ट की कसौटी पर भी खरा उतरेगा।
बता दें कि प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़ा वर्गों (OBC) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा। इसका अर्थ यह है कि सामान्य वर्ग के ‘आर्थिक रूप से कमजोर’ लोगों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगा।
इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करेगी।
अब तक संविधान में एससी-एसटी के अलावा सामाजिक एवं शैक्षणिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन इसमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का कोई जिक्र नहीं है। संसद में संविधान संशोधन विधेयक पारित कराने के लिए सरकार को दोनों सदनों में कम से कम दो-तिहाई बहुमत जुटाना होगा। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है।