यूपी दिवस पर वैज्ञानिक डॉ. ऋतु और उद्यमी नवीन को यूपी गौरव से सम्मानित करेगी योगी सरकार

लखनऊ की वैज्ञानिक डॉ. ऋतु करीधल श्रीवास्तव ने चंद्रयान मिशन में निभाई थी अहम भूमिका

कानपुर के उद्यमी नवीन ने भारत को दिया अपना पहला यूनिकॉर्न

लखनऊ। योगी सरकार यूपी दिवस पर विश्व पटल पर उत्तर प्रदेश का नाम रौशन करने वाली दो विभूतियों को सम्मानित करेगी। योेगी सरकार इन विभूतियों को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से सम्मानित करेेगी। उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए समिति द्वारा लखनऊ की मिशन निदेशक
के रूप में चंद्रयान मिशन में अहम भूमिका निभाने वाली वैज्ञानिक डॉ. ऋतु करीधल श्रीवास्तव और फोर्ब्स, फॉर्च्यून जैसी पत्रिकाओं के कवर पर नियमित रूप से छाए रहने वाले कानपुर के उद्यमी नवीन तिवारी का चयन किया गया।

डॉ. ऋतु करीधल ने मार्स से ऑर्बिटर मिशन और मंगलयान के विकास में निभायी अहम भूमिका
उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए चयनित वैज्ञानिक डॉ. ऋतु करीधल श्रीवास्तव लखनऊ की रहने वाली हैं। उन्होंने भारत के मार्स से ऑर्बिटर मिशन, मंगलयान के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। वह इस मिशन की उप संचालन निदेशक भी थीं। मंगलयान इसरो की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक था। इसने भारत को मंगल ग्रह पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बना दिया था। डॉ. ऋतु करीधल ने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में अपनी बीएससी पूरी की। वह छह महीने तक लखनऊ विश्वविद्यालय में शोध छात्रा रही हैं। उन्हें वार्षिक दीक्षांत समारोह 2019 के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा डीएससी की मानद उपाधि (मानद डॉक्टरेट) से सम्मानित किया गया है। करीधल 1997 से इसरो के लिए काम कर रही हैं। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए वह आईआईएससी, बैंगलोर में भी रही हैं।

कानुपर के उद्यमी नवीन ने दिये दो यूनिकॉर्न
फोर्ब्स और फॉर्च्यून जैसी पत्रिकाओं के कवर पर नियमित रूप से छपने वाले कानुपर के नवीन तिवारी उत्तर प्रदेश और भारत को दुनिया में गौरवान्वित कर रहे हैं। उन्होंने दो यूनिकॉर्न बनाए और भारत को अपना पहला यूनिकॉर्न दिया। उन्होंने दुनिया में सबसे बड़ा स्वतंत्र मोबाइल एडटेक प्लेटफॉर्म स्थापित किया है, जो उत्तर प्रदेश और भारत के स्थानीय व्यवसायों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय दर्शकों से जोड़ता है। उनका लॉक स्क्रीन सॉफ़्टवेयर वैश्विक स्तर पर 40 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन पर मौजूद है। उद्यमी नवीन ने भारत को विश्व मंच पर स्थापित करने के साथ ही 26 देशों में उपस्थिति दर्ज की है। साथ 3000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया जबकि हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया है।

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