देशभर में विभिन्न अदालते हैं, जहां रोजाना कई मामलों की सुनवाई होती है। इन्हीं सुनवाई के दौरान कुछ ऐसी चीजें भी सामने आ जाती हैं, जो चर्चा का विषय बन जातीं। इसी तरह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के एक जज समलैंगिक जोड़े के मामले से संबंधित केस की सुनवाई के दौरान भड़क गए। उन्होंने जैसे ही सवाल किया कि क्या यह समलैंगिक जोड़े का मामला है? हां जवाब मिलते ही वे नाराज हो गए और फाइल तक को फेंक दिया।
अदालतों में सुनवाइयों को रिपोर्ट करने वाले लाइव लॉ के अनुसार, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सेम सेक्स कपल प्रोटेक्शन केस पर सुनवाई चल रही थी। इसी दौरान जस्टिस पंकज जैन ने याचिकाकर्ता के वकील से सवाल किया कि आप कौन हैं? वकील ने जवाब दिया कि मैं उनका नेक्स्ट फ्रेंड हूं। इस पर जज ने पूछा कि क्या यह समलैंगिक जोड़े का मामला है? इस पर हां में जवाब मिला। इतना सुनते ही जज भड़क गए और फाइल को फेंक दिया।
इसके बाद जज ने आगे कहा कि इस अनैतिक चीज को वहीं ले जाओ जहां से यह आई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने हस्तक्षेप किया तो जज ने कहा कि मैडम, मैं इस सिद्धांत को नहीं मानता कि संवैधानिकता और नैतिकता अलग-अलग हैं। दरसअल, रोस्टर जज के छुट्टी पर होने की वजह से यह मामला जस्टिस जैन की बेंच को सौंपा गया था। इसी दौरान, जब सुनवाई होने लगी तो वह काफी नाराज नजर आए और फाइल तक को फेंक दिया।
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि जब किसी सुनवाई के दौरान जज ने नाराजगी व्यक्त की हो। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ एक वकील पर भड़क गए थे। हालांकि, वह मामला दूसरा था। सीजेआई ने वकील को टोकते हुए कहा कि एक सेकंड, अपनी आवाज धीमी करें। आप भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष बहस कर रहे हैं, अपनी आवाज कम करें, अन्यथा मैं आपको अदालत से बाहर करवा दूंगा। सीजेआई ने कहा कि आप अपनी आवाज उठाकर हमें डरा नहीं सकते हैं। 23 साल के मेरे करियर में कभी ऐसा नहीं हुआ है और आखिरी साल भी नहीं होने दूंगा।