150 अफसर, 6 दिन चली रेड, 1500 करोड़ की हेरफेर के सबूत… भूटानी ग्रुप पर इनकम टैक्स का ऑपरेशन ‘महाकाल’

भूटानी ग्रुप पर आईटी की रेड कानपुर/लखनऊ। 6 दिनों तक चली भूटानी ग्रुप पर इनकम टैक्स की रेड में डिपार्टमेंट को अहम सुराग हाथ लगे हैं. इस पूरी छापेमारी में ढाई सौ से ज्यादा अफसर शामिल थे. ऑपरेशन का कोड नेम ‘महाकाल’ रखा गया था. सबूतों और टैक्स चोरी के लिहाज से यह इनकम टैक्स की अभी तक की सबसे सफल रेड में से एक है. बताया जा रहा है कि इसमें 1500 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है.

बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा कमर्शियल स्पेस बेचने के नाम पर नोएडा में चार बिल्डर (भूटानी इंफ्रा, ग्रुप 108, एडवेंट, लॉजिक्स) समेत दो ब्रोकर कंपनी पर छापेमारी की गई थी. इस रेड में अधिकारियों के हाथ दो अहम पेन ड्राइव लगी, जिसको कंपनी के कर्मचारियों ने छुपा कर रखा हुआ था.

पेन ड्राइव में मिले अहम सबूत

इस पेन ड्राइव में यह बात सामने आई कि कंपनी को बेहिसाब रुपये नकद मिले. वित्त वर्ष  2019-20, 2020-21 और 2021-22 में ग्रुप को 429 करोड़ कैश मिले थे. पेन ड्राइव से प्राप्त डेटा से पता चला कि भूटानी ग्रुप ने रुपये की बेहिसाब नकदी स्वीकार की है.

इसके अलावा, प्रेम भूटानी, आशीष भूटानी और ग्रुप के कर्मचारियों के बयान दर्ज किया गया है.  बयान में उन्होंने स्वीकार किया है कि ग्रुप लेनदेन में नकद घटक प्राप्त करने के लिए सहमत है. ग्रुप द्वारा अपने निवेशकों और दलालों को “एश्योर्ड कैश रिटर्न” और “ब्रोकरेज इन कैश” दिया गया.

कैसे की गई टैक्स चोरी?

टैक्स चोरी का ये पूरा खेल ‘एश्योर्ड रिटर्न’ पर खेला गया. ये एक प्रकार का लुभावना विज्ञापन है, जिसमें निवेशक प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करता है और उसे गारंटी दी जाती है कि पजेशन तक आपको स्पेस की लागत का इतना रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा. जिसे ये टैक्स में कम शो करते थे. इस तरह से टैक्स चोरी की गई जिसके प्रमाण एग्रीमेंट में मिले हैं.

सेबी की गाइडलाइंस के मुताबिक ‘एश्योर्ड रिटर्न’ की स्कीम गैरकानूनी है और निवेशकों को इससे बचने के लिए आगाह  किया जाता है. सूत्रों की मानें तो इनकम टैक्स विभाग कंपनी के डायरेक्टर से जल्द ही इस पूरी टैक्स चोरी के मामले में पूछताछ कर सकता है. रेड के लिए 40 टीमें लगाई गई थीं.

 

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