लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम नजदीक है. इस बीच सियासी बयानबाजी भी देखने को मिल रही है. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर से विवादित बयान दे दिया है. इस बार उन्होंने कारसेवकों पर गोलीकांड को सही ठहराया है. मौर्य ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने अमन-चैन के लिए गोली चलवाई थी. उसने अपना कर्तव्य निभाया था.
सपा विधायक ने की मौर्य पर टिप्पणी
स्वामी प्रसाद मौर्य इसके पहले भी हिंदू धर्म के बारे में विवादित बयान देते रहे हैं. जिसे लेकर अब उनकी पार्टी के अंदर से ही आवाज उठ रही है. सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने स्वामी पर निशाना साधा है. राकेश प्रताप ने कहा- “जो सनातन पर विवादित बयान देते हैं उनको पहले अपने बाप के बारे में जानना चाहिए. अगर अपने बाप के बारे में जानेंगे तो ही वो सनातन के बारे में जान पाएंगे.”
गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह ने आगे कहा कि सनातन को जानने के लिए समझ की जरूरत है. अखिलेश यादव जी ने हम लोगों की मीटिंग में कहा है कि धर्म पर कोई बात नहीं करेगा.
स्वामी के बयान पर भड़के सपा विधायक राकेश सिंह
स्वामी प्रसाद के बयान पर सपा विधायक राकेश सिंह ने कहा कि किन परिस्थितियों में गोलियां चलाई गई थीं यह मुझे नहीं पता. लेकिन अब कोर्ट के निर्णय से राम मंदिर का निर्माण हो रहा है उससे जो हिंदू भावना के लोग हैं जो सनातन को मानने वाले हैं उनमें हर्ष है. ऐसे में अगर विवादित बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचती है तो यह गलत है.
‘पहले अपनी बेटी को समझाएं स्वामी’
स्वामी द्वारा लगातार इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं तो सपा में भी लाखों कार्यकर्ता हैं, जो भगवान राम को मानते हैं, जो सनातनी हैं. उन्हें दिक्कत होगी. मैं स्वामी को कहूंगा कि पहले अपनी बेटी को समझाएं. मेरे पास कुछ तस्वीरें हैं जिसमें वह केदारनाथ में दर्शन कर रही हैं. रुद्राभिषेक कर रही हैं और ब्रह्म भोज कर रही हैं. ब्राह्मणों को भोज के बाद दक्षिण भी दे रही हैं. मतलब जो आदमी अपनी बेटी को नहीं समझा पा रहा है वह पूरे हिंदुस्तान में घूमकर हिंदू धर्म पर बोल रहा कि ये धोखा है.
राकेश सिंह ने यह भी कहा- मैं अखिलेश यादव से यही कहना चाहता हूं कि आपके निर्देश के बाद भी अगर स्वामी मौर्य नहीं मान रहे हैं तो अब आपको कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
गौरतलब है कि इससे पहले राम मंदिर के उद्घाटन के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव को निमंत्रण दिए जाने को लेकर सस्पेंस खड़ा हो गया था. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का बयान आया था कि अखिलेश को बुलाया गया है. हालांकि, आलोक कुमार के बयान पर पलटवार करते हुए अखिलेश ने कहा था कि वे आलोक कुमार को नहीं जानते हैं. अखिलेश ने यह भी कहा था कि वे जिसको जानते हैं, निमंत्रण भी उनसे ही लेते हैं.