अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर जहाँ देश भर में खुशी का माहौल है। हर समुदाय उल्लास में डूबा है। मुस्लिम महिलाएँ तक भगवा वस्त्र पहन पहनकर अयोध्या के लिए रवाना हो रही हैं। ऐसे समय में खुद को सेकुलर बताने वाले कट्टरपंथी नेताओं ने भड़काऊ बयानबाजी की है। किसी ने मुस्लिमों को बाबरी के नाम पर भड़काया है तो किसी ने उन्हें राम मंदिर के नाम पर डराया है।
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर बार मुसलमान कुर्बानी नहीं देगा। उन्होंने कहा, “हमसे हमारी मस्जिद छीनी जा रही है। इस बात को हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि भाजपा को हमारी अजान से भी दिक्कत है।”
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट का फैसला पहले से तय था, जिसने ये निर्णय दिया उसे राज्यसभा भेज दिया गया।”
इसी तरह असम के बारपेटा के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने भी मुस्लिम युवाओं में डर फैलाते हुए कहा कि 20 से 25 जनवरी तक सारे मुसलमानों को अपने घर में रहना होगा।
उन्होंने कहा, “हमें सतर्क रहना होगा। मुसलमानों को 20 से 25 जनवरी तक यात्रा करने से बचना चाहिए। पूरी दुनिया राम जन्मभूमि में रामलला की मूर्ति स्थापित होते देखेगी। लाखों लोग बसों, ट्रेनों, हवाई जहाज आदि से यात्रा करेंगे। शांति बनाए रखनी होगी।” अजमल ने कहा, “इस दौरान हमें यात्रा करने से बचना होगा और घर ही रहना होगा। भाजपा मुसलमानों की सबसे बड़ी दुश्मन है। यह हमारे जीवन, आस्था, मस्जिदों, इस्लामी कानूनों और अजान की दुश्मन है।”
गौरतलब है कि जहाँ ये नेता राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा पर माहौल बिगाड़ने के प्रयास में लगे हैं। वहीं काशी की मुस्लिम महिलाएँ अयोध्या पहुँच रही हैं। कल ही खबर आई थी कि नाजनीन अंसारी नाम की महिला ने कहा कि धर्म परिवर्तन कर लेने से पुरखे नहीं बदल जाते। भगवान श्रीराम ही मुस्लिमों के पूर्वज हैं। नाजनीन ने कहा है कि वो मुस्लिमों से अपील करेंगी कि वो लोग भी राम ज्योति प्रजवलित करें।