विधानसभा चुनाव के बाद से ही प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में सक्रिय नहीं हैं. पिछले साल ही उन्होंने कांग्रेस के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था. अमेठी में भाई राहुल गांधी की हार के बाद वहां से भी उनका कनेक्शन नहीं रहा. यही हाल रायबरेली का भी है, जहां से उनकी मां सोनिया गां सांसद हैं. कई ऐसे मौके आए जब यूपी से पार्टी के नेताओं ने प्रियंका से मिलने की कोशिश की. पर हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
जबकि एक वक्त था, जब वे हर हफ्ते यूपी के लोगों से दिल्ली में मिला करती थीं, लेकिन 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव ने प्रियंका के भरोसे को तोड़ दिया. उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि चुनाव में पार्टी की ये दुर्गति होगी. पर्दे के पीछे से प्रियंका गांधी तो पिछले पच्चीस सालों से काम कर रही हैं. शुरुआत में उन्होंने अपनी मां और अपने भाई के लिए रायबरेली और अमेठी में प्रचार करती रहीं.
बाद में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले वे एक्टिव पॉलिटिक्स में आकर कांग्रेस की महासचिव बन गईं. लेकिन पिछले डेढ़ सालों से उन्होंने यूपी से दूरी बना ली थी. उनके सचिव संदीप सिंह के नेतृत्व में उनकी टीम यूपी का काम इस दौरान देखती रही. लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर प्रियंका गांधी यूपी में सक्रिय होने वाली हैं.
यूपी कांग्रेस के तीन नेताओं से मिलीं प्रियंका
यूपी कांग्रेस के तीन नेताओं से आज प्रियंका गांधी ने दिल्ली में मुलाकात की. ये तीनों नेता कल राहुल गांधी के साथ पार्टी ऑफिस में हुई बैठक में मौजूद थे. प्रियंका गांधी भी इस मीटिंग में शामिल हुई थीं. फिर भी उन्होंने इन तीनों नेताओं को बुला कर उनसे अलग से बातचीत की. आख़िर इस मुलाकात के क्या मायने हैं! इसको लेकर तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
ये भी कयास लगाया जा रहा है कि इस बार रायबरेली से प्रियंका गांधी खुद चुनाव लड़ सकती हैं. सोनिया गांधी यहां से लगातार चुनाव जीतती रही हैं. लेकिन इन दिनों उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है. ऐसे में हो सकता है कि उनके बदले प्रियंका की एंट्री हो जाए. यूपी कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी इस बार अमेठी से भी चुनाव लड़ें. अभी वे केरल के वायनाड से लोकसभा के सांसद हैं. जबकि मोदी सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी अभी अमेठी से सांसद हैं.
सबसे पहले अजय राय ने की मुलाकात
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने सबसे पहले प्रियंका गांधी से मुलाकात की. फिर बारी आई विधायक वीरेन्द्र चौधरी की. सबसे आखिर में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने प्रियंका से भेंट की. ये तीनों नेता प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं. कहा जाता है कि प्रियंका के कहने पर ही अजय राय को कुछ महीने पहले पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. वीरेन्द्र चौधरी पहली बार विधायक बने हैं. प्रियंका ने ही उन्हें टिकट दिया था.
प्रियंका ने दिया गोपनीय टास्क
अभी यूपी में कांग्रेस के दो विधायक हैं. अखिलेश प्रताप सिंह तो गांधी नेहरू परिवार के करीबी माने जाते हैं. प्रियंका के पिता राजीव गांधी के जमाने से वे परिवार से जुड़े हुए हैं. इन तीनों नेताओं को प्रियंका ने एक गोपनीय टास्क दिया है. सूत्रों से पता चला है कि लोकसभा चुनाव को लेकर इनसे रिपोर्ट मांगी गई है. कांग्रेस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है! उम्मीदवार किस तरह का हो और कौन हो! चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से कैसे बचा जाए!
संगठन को मजबूत करने के लिए मांगीं सुझाव
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने इन तीनों नेताओं से एक रिपोर्ट बनाने को कहा है. करीब घंटे भर की बातचीत में प्रियंका ने कांग्रेस के नेताओं से संगठन को मजबूत करने को लेकर सुझाव भी मांगे. क्या वजह है कि प्रियंका इस तरह का फीडबैक चाहती हैं! कहीं उनका इरादा खुद चुनाव लड़ने का तो नहीं है! या फिर ये तैयारी भाई राहुल गांधी के लिए है. जितने लोग, उतनी बातें.