इजरायल और हमास के बीच अब जंग और तेज होने वाली है. क्योंकि इजरायल को अमेरिका का ना सिर्फ साथ मिल गया है, बल्कि यूएस ने सबसे पहले आगे आकर अपने खतरनाक हथियार और गोला-बारूद और सैनिक भी इजरायल भेज दिए हैं. अमेरिकी गोला-बारूद से लैस प्लेन और गेराल्ड आर फोर्ड युद्धपोत इजरायल के करीब पहुंच गया है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक हथियारों को ले जाने वाले इस अमेरिकी विमान में बेहद हाइटेक गोला-बारूद हैं. मंगलवार शाम अमेरिका से उड़ान भरकर इस विमान ने देर रात इजरायल के नेबातिम एयर बेस पर लैंडिंग की. बताया जा रहा है कि अमेरिका ने यह गोला-बारूद ऐसे समय की तैयारी के लिए भेजा है, जब युद्ध किसी निर्णायक मोड़ पर पहुंच जाएगा.
बता दें कि इससे पहले अब तक अमेरिका इस जंग में इजरायल के लिए पूरा समर्थन तो जारी कर रहा था, लेकिन गोला-बारूद की सप्लाई शुरू नहीं की गई थी. अब माना जा रहा है कि इसके बाद भी कई अमेरिकी विमान गोला-बारूद लेकर इजरायल पहुंच सकते हैं. इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आज (11 अक्टूबर) इजरायल के दौरे पर पहुंच सकते हैं. अपने इजरायल टूर को लेकर उन्होंने पहले ही अंदेशा जता दिया था.
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The first plane carrying U.S. armaments has since arrived at the Nevatim Airbase in southern Israel this evening.The cooperation between our militaries is a key part of ensuring regional security and stability in times of war.
— Israel Defense Forces (@IDF) October 11, 2023
अमेरिकी ने जो हथियार भेजे हैं. उनमें नौसेना का विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड (सीवीएन 78) शामिल हैं. सहायता विमानों के 8 स्क्वाड्रन और टिकोनडेरोगा क्लास गाइडेड मिसाइल क्रूजर यूएसएस नॉर्मंडी (सीजी 60), मिसाइल विध्वंसक यूएसएस थॉमस हडनर (डीडीजी 116), यूएसएस रामेज (डीडीजी 61), यूएसएस कार्नी (डीडीजी 64), और यूएसएस रूजवेल्ट (डीडीजी 80) और आर्ले बर्क क्लास गाइडेड मिसाइल भी शामिल हैं. मौजूदा लड़ाकू स्क्वाड्रनों को बढ़ाने के लिए अमेरिकी वायु सेना के एफ-15, एफ-16 और ए-10 भी युद्ध के मैदान में उतरेंगे. अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला ने कहा, अगर इजरायल के प्रति कोई भी दुश्मन इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है तो उसके लिए इस क्षेत्र में इन अत्यधिक सक्षम बलों के आने से प्रतिरोध का एक मजबूत संकेत है.
बाइडेन कर चुके हैं समर्थन का ऐलान
ब्लिंकन ने कहा था कि वह जब इजरायल के लिए समर्थन का संदेश लेकर पहुंचेंगे. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इजरायल के लिए पूर्ण समर्थन की घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने मंगलवार देर रात (भारतीय समयानुसार) प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा है. इजरायल में एक हजार लोगों का कत्लेआम हुआ है. युवाओं का नरसंहार किया गया है. बहुत से परिवार अपने लोगों की लाशों का इंतजार कर रहे हैं. दुनिया के हर देश की तरह इजरायल को भी आतंकी हमले के खिलाफ जवाब देने का अधिकार है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने की नेतन्याहू से बात
बाइडेन ने कहा था कि आतंकियों ने महिलाओं से दुष्कर्म करने के बाद उनकी परेड कराई. महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाया गया. ये सीधे तौर पर आतंकवाद है. दुख की बात है कि यहूदियों पर इस तरह के अत्याचार पहले से होते रहे हैं. बाइडेन ने आगे कहा था,’मैंने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की है. हमारी प्रतिक्रिया तेज और जबरदस्त हो सकती है. हालांकि, हम कानून के मुताबिक काम करेंगे. हम युद्ध नियमों का पालन करते हैं.
जंग में 1800 से ज्यादा लोगों की मौत
बता दें कि इस जंग में अब तक 1800 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इनमें इजरायल के 1200 से ज्यादा लोग शामिल हैं. 2,300 लोग घायल हुए हैं. वहीं, गाजा पट्टी में 830 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हुई है और 4,250 लोग घायल हुए हैं. इजरायली सेना का दावा है कि उसने अपने इलाके में 1500 आतंकियों को मार गिराया है.
हमास ने हमले को ऐसे दिया अंजाम
माडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन हमास ने पूरा प्लान पहले ही तैयार कर लिया था. प्लान को हमास की 5 यूनिट्स ने अंजाम दिया. सबसे पहले सुबह 6.30 बजे मिसाइल यूनिट के जरिए 3 हजार रॉकेट दागे गए. इतने बड़े हवाई हमले से इजरायल के लोग सकते में आ गए. फिर एयरबॉर्न यूनिट के जरिए पैराग्लाइडर से आतंकी इजरायल में घुसे. फिर कमांडो यूनिट ने जमीन पर बाड़ काटी और गाजा पट्टी से आतंकी इजरायल में दाखिल हुए. इस दौरान हमास की ड्रोन यूनिट हमला करने और सूचना जुटाने में जुटी रही. इजरायल का अनुमान है हमास के करीब 1000 लड़ाकों ने घुसपैठ की.