BJP के महिला आरक्षण की काट ले आए अखिलेश? पीडीए के जरिए आधी आबादी को लुभाने में जुटेगी सपा

BJP के महिला आरक्षण की काट ले आए अखिलेश? पीडीए के जरिए आधी आबादी को लुभाने में जुटेगी सपालखनऊ। भाजपा के महिला आरक्षण वाले बिल की अखिलेश यादव ने काट निकाल ली है। महिला आरक्षण पर भाजपा के आक्रामक रुख को देखते हुए सपा अब ‘पीडीए’ यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक महिलाओं का मुद्दा उछालेगी। भाजपा महिला आरक्षण बिल को पास कराने को अपनी बड़ी उपलब्धि मानते हुए अब इसकी चर्चा चुनाव प्रचार में कर ही है तो सपा जातिगत जनगणना की मांग के आंदोलन में अब पीडीए महिलाओं को आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को जागरुक करेगी। सपा अपना चुनावी अभियान जल्द शुरू करने जा रही है।

पार्टी के विभिन्न आनुषांगिक संगठनों द्वारा ‘पीडीए’ व जातिगत जनगणना का मुद्दा पहले से ही उठाया जा रहा है। अब इसमें महिला आरक्षण के भीतर आरक्षण न दिए जाने को लेकर भाजपा को निशाने पर लिया जाएगा। पार्टी की कोशिश है कि ओबीसी, दलित व मुस्लिम महिलाओं का समर्थन भी इसके जरिए हासिल किया जा सकता है। यही नहीं महिला आरक्षण बिल जिस रूप में पास हुआ है, वह भी अभी लागू नहीं हुआ है। पार्टी इसको लेकर भी भाजपा को घेरेगी। सपा का फोकस महिला आरक्षण में सामाजिक न्याय दिलाने पर है।

एमवाई से पीडीए के सफर में सपा 

महिलाओं को अलग से लुभाने की इसलिए पड़ रही जरूरत 

सपा को अहसास है कि विभिन्न लाभार्थी योजनाओं के जरिए भाजपा महिलाओं में अपनी पैठ बना चुकी है और इसका चुनावी लाभ उसे 2014 से मिल रहा है। ऐसे में इसकी काट के लिए सपा ने ‘पीडीए’ महिलाओं का समर्थन हासिल करने के लिए उनके आरक्षण का मुद्दा उछाला है और ‘इंडिया’ गठबंधन भी इस पर फोकस कर रहा है। अखिलेश 2019 के बाद से पिछड़ा दलित वोट को साधने में लगे हैं। इसीलिए अखिलेश यादव ने कहना शुरू दिया कि हम लोग अम्बेडकरवादी व लोहियावादी हैं।

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