देश में इस वक्त एक कोई मुद्दा सबसे ज्यादा तूल पकड़ा हुआ है तो वो है तमिलनाडु सीएम के बेटे का बयान. उदयनिधि अपने सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर लगातार घिरे हुए हैं. अब उनके बयान को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उन्हें घेरा है. साथ ही इस बयान को लेकर राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा है.
कांग्रेस की चुप्पी पर उठाए सवाल
उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियों पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछना चाहता हूं कि वह क्यों नहीं बोलते, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे यह क्यों नहीं कहते कि सनातन धर्म पर उनकी सोच क्या है. उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन की एक पार्टी DMK ने सनातन धर्म को चोट पहुंचाई है और कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है. उन्होंने कहा, INDIA गठबंधन के सदस्यों को सनातन धर्म के अपमान के लिए माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा देश उन्हें माफ नहीं करेगा.
राजनाथ सिंह ने कहा कि DMK नेता से उनकी टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए और कहा कि सनातन धर्म दुनिया को एक परिवार मानता है और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (दुनिया एक परिवार है) का संदेश देता है. यह वही सनातन धर्म है जिसमें चींटियों को आटा और सांपों को दूध पिलाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की जाती है.
आखिर क्यों मचा है इतना हंगामा?
तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए. दरअसल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोनो वायरस, मलेरिया और डेंगू बुखार से की और कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि नष्ट किया जाना चाहिए. इस बयान को लेकर अब उदयनिधि का पूरे देश में विरोध हो रहा है.
RSS-VHP ने साधा निशाना
उदयनिधि के बयान पर संघ नेता इंद्रेश कुमार ने भी निशाना साधते हुए कहा, ‘अपने अपने धर्म पर चलो, दूसरे के धर्म का सम्मान करो. न कि आलोचना करो. बल्कि अच्छा ये होगा दूसरे के धर्म में दखल देने के बजाय धार्मिक कामों में भागीदारी करो.’
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने सनातन धर्म पर उदयनिधि के बयान को लेकर उनपर हमला किया. वीएचपी ने कहा कि ऐसे बयानों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अगर तमिलनाडु सरकार उदयनिधि के बयान से सहमत है तो दक्षिणी राज्य मे केंद्र से लोगों के अपने धर्म का पालन करने के अधिकार की रक्षा करने की अपील की जाएगी.