अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान एक नाम सबकी जुबान पर छाया हुआ है। वो हैं- भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अभियान रणनीति से परिचित लोगों का मानना है कि ट्रंप की गैरमौजूदगी में विवेक रामास्वामी सबसे अलग और सबसे बेहतर उम्मीदवार के रूप में सामने आए। उन्होंने पहली बहस के दौरान अपने सभी प्रतिद्वंद्विंयों को पीछे छोड़ दिया। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस जैसे राजनेता रामास्वामी के आगे फीके नजर आ रहे हैं। खुद डोनाल्ड ट्रंप कई मौकों पर रामास्वामी की तारीफ कर चुके हैं। अब ट्रंप के समर्थक भी रामास्वामी के जयकारे लगा रहे हैं। उनकी नजर में रामास्वामी ट्रंप के सहयोगी यानी उपराष्ट्रपति के रूप में फिट साबित हो सकते हैं।
नाम न छापने की शर्त पर मामले से परिचित लोगों के अनुसार, ट्रम्प के सहयोगी रामास्वामी को फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस से समर्थन मिलने के रूप में देखते हैं। जिससे यह धारणा और मजबूत हो रही है कि डिसेंटिस का चुनावी अभियान लड़खड़ा रहा है। हालांकि इस पर डिसेंटिस की टीम इत्तेफाक नहीं रखती। उनका मानना है कि वे अपना काम बखूबी से कर रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप समर्थक रामास्वामी के लिए जयकारे क्यों लगा रहे हैं? दरअसल, खुद ट्रंप कई मौकों पर रामास्वामी की तारीफ कर चुके हैं। उधर, रामास्वामी भी कानूनी झमेलों में फंसे ट्रंप के बचाव में कई बयान दे चुके हैं। रामास्वामी ने ट्रम्प द्वारा समर्थित कई नीतिगत प्राथमिकताओं और राजनीतिक दर्शन का समर्थन किया है। इसमें संघीय नौकरशाही के बड़े हिस्से को खत्म करने या विदेशी गठबंधनों खासकर चीन को सबसे बड़ा दुश्मन शामिल है। मामले में लोगों के अनुसार, ट्रम्प ने स्वयं बहस के मंच पर रामास्वामी के प्रदर्शन से खुशी जाहिर की है। ट्रंप समर्थक रामास्वामी ट्रंप के अगले संभावित कार्यकाल में उपराष्ट्रपति के रूप में देख रहे हैं।
अमीर रिपब्लिकन कैंडिडेट
दिलचस्प बात यह है कि रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों में ट्रंप के बाद सबसे अमीर हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, ट्रंप की वर्तमान संपति 2 बिलियन डॉलर है। जबकि रामास्वामी की कुल संपत्ति $950 मिलियन है। रामास्वामी शिक्षित हैं और उन्होंने प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से पढ़ाई की है। उनके पास हार्वर्ड विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में डिग्री और येल विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री है।
रामास्वामी ने 29 साल की उम्र में,2014 में एक जैव प्रौद्योगिकी फर्म रोइवंत साइंसेज की स्थापना की। रोइवंत ऐसी सहायक कंपनियां बनाती हैं जो ऐसी दवाएं विकसित करती हैं जिन्हें बड़े दवा निर्माताओं द्वारा उपेक्षित किया जाता है। रामास्वामी के पास रोइवंत में 10% स्वामित्व हिस्सेदारी है।
परिवार
रामास्वामी का जन्म सिनसिनाटी, ओहियो में भारतीय आप्रवासी माता-पिता के घर हुआ था और वह तमिल भाषी ब्राह्मणों के परिवार से थे। वे मूलतः केरल के रहने वाले थे। रामास्वामी तमिल भाषा और हिंदू रीति-रिवाजों में बड़े हुए। वो बताते हैं कि दैनिक प्रार्थना करना और मंदिरों जाना उनकी रूटीन का हिस्सा थे। उन्होंने हिंदू महाकाव्यों की कहानियां सुनीं हैं। वह डेटन और सिनसिनाटी के मंदिरों में भाग ले चुके हैं। उनकी पत्नी अपूर्वा, पेशे से एक चिकित्सक हैं।