जयचंद, जहरीला नाग और चापलूस; योगेश्वर दत्त पर इतना क्यों भड़क गईं विनेश फोगाट

Vinesh Phogat blame wrestler Yogeshwar Dutt of misbehaving with women  players during sexual harassment committee meeting watch video | Vinesh  Phogat: महिला पहलवानों की आपबीती पर हंसता रहा योगेश्वर दत्त ...भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाली पहलवान विनेश फोगाट ने पूर्व ओलंपियन योगेश्वर दत्त पर तीखा हमला बोला है। उन्हें कुश्ती का जयचंद और बृजभूषण की थाली का जूठन खाने वाला बताते हुए विनेश फोगाट ने कहा कि योगेश्वर दत्त ने ही पीड़ित महिला पहलवानों के नाम लीक किए थे। बजरंग पूनिया समेत 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट मिलने की आलोचना वाले योगेश्वर दत्त के वीडियो के बाद विनेश फोगाट की यह टिप्पणी आई है। फोगाट ने लिखा, ‘योगेश्वर दत्त का वीडियो सुना तो उसकी वह घटिया हंसी दिमाग़ में अटक गई। वह महिला पहलवानों के लिए बनी दोनों कमेटियों का हिस्सा था।’

विनेश फोगाट ने कहा, ‘उसने कई महिला पहलवानों के घर फ़ोन करके यह भी कहा कि अपनी लड़की को समझा लो। वह पहले ही सरेआम महिला पहलवानों के ख़िलाफ़ बयान दे रहा था, उसके बावजूद उसे दोनों कमेटियों में रखा गया। वह पहलवानों और कोचों को महिला पहलवानों के आंदोलन में शामिल होने से लगातार रोकता रहा। सारा कुश्ती जगत समझ गया था कि योगेश्वर बृजभूषण की थाली का झूठा खा रहा है।’ किसान आंदोलन के दौरान  योगेश्वर दत्त की टिप्पणियों का भी जिक्र करते हुए विनेश फोगाट ने भड़ास निकाली है।

योगेश्वर दत्त के चुनाव ना जीत पाने पर भी कसा तंज

उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘समाज में कोई भी अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता है तो योगेश्वर ज़रूर उल्टियां करता है। पहले किसानों, जवानों, छात्रों, मुसलमानों, सिखों पर घटिया टिप्पणियां कीं और अब महिला पहलवानों को बदनाम करने में लगा हुआ है। समाज से ग़द्दारी के कारण ही दो बार चुनाव में औंधे मुँह गिरे हो तुम। और मैं चैलेंज करती हूं कि कभी ज़िंदगी में चुनाव नहीं जीतोगे, क्योंकि समाज ज़हरीले नाग से हमेशा सावधान रहता है और उसके कभी पैर नहीं लगने देता।’

‘जालिम के हक में खड़े हो, चापलूसी की हदें पार’

कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ आंदोलन करने वालीं विनेश ने योगेश्वर को कहा, ‘कुश्ती जगत को आपका बृजभूषण के तलवे चाटना हमेशा याद रहेगा। महिला पहलवानों को तोड़ने में इतना ज़ोर मत लगाओ, बहुत पक्के इरादे हैं इनके। ध्यान रखना कहीं ज्यादा जोर लगवाने से कमर न टूट जाए। रीढ़ तो पहले ही बृजभूषण के पैरों में रख चुके हो। तुम बहुत संवेदनहीन इंसान हो। जालिम के हक में खड़े हो उसकी चापलूसी कर रहे हो। जब तक कुश्ती में योगेश्वर जैसे जयचंद रहेंगे, यकीनन जालिमों के हौंसले बुलंद रहेंगे।’

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