नई दिल्ली। भगोड़े अमृतपाल सिंह ने जालंधर के पास एक गुरुद्वारे में घुसकर बंदूक का डर दिखाकर लोगों से खाना मांगा और कपड़े मांगकर पहने, फिर भाग निकला। शनिवार से ही अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए पीछे लगी पंजाब पुलिस ने यह जानकारी दी है। 18 मार्च से ही पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह की तलाश में है, लेकिन वह लगातार चकमा दे रहा है। वारिस पंजाब दे नाम के संगठन का मुखिया कहलाने वाले अमृतपाल सिंह का पुलिस ने काफी देर तक पीछा किया था, लेकिन वह जालंधन में चकमा देकर भाग निकला।
यहीं से उसने कुछ और लोगों को कॉल किया और उनसे दो मोटरसाइकिलें लाने को कहा। कहा जा रहा है कि इन्हीं में से एक बाइक पर वह भाग निकला था। अमृतपाल सिंह जिस वक्त गुरुद्वारे में घुसा, उस समय एक ग्रंथी के बेटे की शादी हो रही थी। उन लोगों ने अमृतपाल और उसके सहायकों को अपना मेहमान समझा, इसलिए अंदर आने दिया। कहा जा रहा है कि बाद में बंदूक का डर दिखाकर अमृतपाल ने वहां पर खाना खाया और कपड़े बदल लिए। फिर फोन से अपने समर्थकों को बुलाया और चकमा देकर भाग निकला।
बाइक पर निकलने से पहले अमृतपाल ने वह फोन भी तोड़ डाला, जिसके जरिए उसने कॉल की थी। फिलहाल पुलिस उस फोन की पड़ताल कर रही है, जिसके जरिए अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों को फोन किया था। ग्रंथी ने पुलिस को बताया कि अमृतपाल और उसके साथी ब्रेजा कार से आए थे, जिसे उन्होंने गुरुद्वारे से 100 मीटर की दूरी पर खड़ा किया था। यहीं से पुलिस को कुछ तलवारें और एक राइफल बरामद हुई थी। फिलहाल पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ एनएसए लगा दिया है और उसके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट भी जारी हुआ है।