बेटे के 40 लाख रुपये की घूस लेते हुए पकड़े जाने पर कर्नाटक के भाजपा विधायक एम. विरुपक्षप्पा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोकायुक्त की ऐंटी करप्शन विंग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में भाजपा विधायक को पहला आरोपी बनाया गया है। विरुपक्षप्पा के अफसर बेटे प्रशांत को घूस लेते पकड़े जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था और उसे ऐंटी करप्शन कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। घूसकांड के बाद उसके घर पर भी रेड मारी गई थी, जिसमें 6 करोड़ रुपये कैश मिला है। इसके अलावा दफ्तर से भी 1.7 करोड़ रुपये की रकम बरामद की गई थी। चुनावी साल में भाजपा के लिए भी यह केस मुश्किल बढ़ाने वाला है।
सीएम बोम्मई को लिखे खत में विरुपक्षप्पा ने कहा, ‘मेरे परिवार के खिलाफ कोई साजिश हुई है। मैं नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मेरे ऊपर यह आरोप लगे हैं।’ गुरुवार को कर्नाटक लोकायुक्त के अधिकारियों ने विरुपक्षप्पा के बेटे को केएसडीएल के दफ्तर में 40 लाख रुपये की घूस एक कॉन्ट्रैक्टर से लेते हुए अरेस्ट किया था। लोकायुक्त के अधिकारियों ने कहा कि प्रशांत के ऑफिस से तीन बैग भी पाए गए, जिसमें 1.70 करोड़ रुपये की रकम बरामद की गई है।
लोकायुक्त का कहना है कि सोप और डिटर्जेंट मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी कच्चे माल की सप्लाई करने वाले कॉन्ट्रैक्टर से 81 लाख रुपये घूस की डील हुई थी। उसी के तहत 40 लाख रुपये की पेमेंट की जा रही थी, जिस दौरान प्रशांत को अरेस्ट कर लिया गया। इस मामले में 4 और लोगों को पकड़ा गया है और उन्हें भी 14 दिन की हिरासत पर भेज दिया गया है। लोकायुक्त बीएस पाटिल ने कहा कि इस मामले में सरकार की ओर से कोई दबाव नहीं है। स्वतंत्र रूप से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है। भाजपा विधायक की भूमिका की भी जांच हो रही है।