बेंगलुरू में सोमवार से एशिया का सबसे बड़ा एयरो शो शुरू हो गया। पांच दिन तक चलने वाले इस एयरो शो में भारत की रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने फाइटर ट्रेनर एचएलएफटी-42 का स्केल मॉडल प्रदर्शित किया। यह आधुनिक कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ट्रेनिंग में अहम रोल निभाएगा। अपनी तमाम खासियतों के साथ यह मॉडल एक अन्य वजह से भी चर्चा में है। चर्चा की यह वजह है, इसके पंख पर बनी हनुमान की तस्वीर।
आखिर एचएलएफटी-42 के पंख पर हनुमान की तस्वीर क्यों बनी है? इस सवाल का जवाब दिया रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन एचवी ठाकुर ने दिया। एचवी ठाकुमर एचएएल के साथ पायलट ट्रेनर हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि यह फाइटर प्लेन भगवान हनुमान की तरह से ही बेहद तेज है। यह एयरक्राफ्ट वर्तमान ट्रेनर एयरक्राफ्ट, हॉक-132, सबसोनिक ट्रेनर और मिग-21 के बीच के गैप को कम करेगा। इन सभी का इस्तेमाल पायलटों को सुपरसोनिक टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग देने में किया जाता है।
कई अन्य खासियतों से लैस
अगर एचएचएफटी-42 की अन्य खासियतों की बात करें तो यह एक नेक्स्ट जेन सुपरसोनिक ट्रेनर है। यह एयरक्राफ्ट एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे, इलेक्ट्रिक वारफेयर सूट, इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक और फ्लाई बाई वायर कंट्रोल सिस्टम (एफबीडब्लू) से लैस है। एफबीडब्लू सिस्टम एयरक्राफ्ट के कंवेंशनल मैनुअल फ्लाइट कंट्रोल को इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस से बदल रहा है। वहीं, आईआरएसटी का इस्तेमाल ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक करने में होता है।