पिछले माह जनवरी 2023 में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान गुजरात के सोमनाथ मंदिर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है। यह केस श्री सोमनाथ ट्रस्ट के जनरल मैनेजर विजय सिंह चावड़ा की शिकायत पर दर्ज हुआ है।
शिकायत में रशीदी पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और 2 समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने का आरोप है। यह केस गुरुवार (9 जनवरी 2023) को दर्ज हुआ है। केस दर्ज होने के बाद मौलाना साजिद रशीदी अब माफी माँग रहे हैं।
We saw a video of Maulana Sajid Rashidi, All India Imam Assn's President where he is heard making an indecent remark against Somnath temple. His statement has hurt sentiments of devotees. We've filed a complaint on behalf of Somnath Trust:V Chavda, Gen Manager,Somnath Trust (9.2) pic.twitter.com/CfqT1iQQB8
— ANI (@ANI) February 10, 2023
मौलाना रशीदी ऑल इंडिया इमाम एसोशिएशन के अध्यक्ष भी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह केस गिर सोमनाथ जिले में दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता के मुताबिक सोमनाथ मौलाना साजिश रशीदी की टिप्पणी से मंदिर से जुड़े भक्तों की भावनाएँ आहत हुई हैं। अपनी शिकायत में विजय सिंह ने पुलिस से साजिश रशीदी पर कार्रवाई की माँग की है।
अक्सर बहस के दौरान हिन्दू आस्थाओं और प्रतीकों पर नकारात्मक टिप्पणी करने वाले रशीदी पर IPC 153- A और 295- A के तहत कार्रवाई हुई है। इस मामले में गिर सोमनाथ जिले के पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह जडेजा ने जाँच किए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि साजिद रशीद पहले भी आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करते रहे हैं।
क्या कहा था रशीदी ने
क्या है सोमनाथ मंदिर का इतिहास
सोमनाथ मंदिर न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी मौजूद हिन्दुओं की आस्था का प्राचीन समय से मुख्य केंद्र रहा है। इतिहासकारों के मुताबिक 11वीं सदी में विदेशी आक्रांता महमूद गज़नी ने यहाँ हमला करके लूटपाट की थी। बताया जाता है कि जाते-जाते गज़नी ने मंदिर को तोड़ डाला था और यहाँ के सेवादारों व पुजारियों की हत्या कर दी थी। स्वतंत्रता के बाद इसका पुनर्निर्माण तत्कालीन गृहमंत्री सरदार बल्लभभाई पटेल के प्रयासों से हो पाया था।
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने गज़नी के समकालीन उदबू की लिखी किताब तारीख उल यामिनी का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि उदबू के अनुसार मंदिर लूटने के बाद गज़नवी से मूर्तियों को न तोड़ने की अपील की गई थी। इस पर गज़नवी का जवाब था कि वो मंदिर जरूर तोड़ेगा, ताकि क़यामत के दिन वो बुत फरोश के तौर पर जाना जाए।